लखनऊ. हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ में मंगलवार को दोपहर बाद हुई भगदड़ में कुल 116 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। हादसे के बाद चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी समेत यूपी सरकार के मंत्री भी पहुंचे। घटनास्थल का जायजा लिया। चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के द्वारा कुल 116 लोगों के मौत की पुष्टि की गई है। जबकि सैकड़ों घायल हैं, जिन्हे मेडिकल कालेज एटा समेत अन्य स्थानों पर भर्ती करवाया गया है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटनास्थल का दौरा करेंगे। प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा मृतकों व घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है।
24 घंटे में मांगी गई जांच रिपोर्ट
मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने बताया कि शासन के निर्देश पर जांच की जा रही है। आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। तहसील प्रशासन द्वारा सत्संग केआयोजकों को किन शर्तो के साथ परमीशन दी गई थी, उनका कितना पालन किया गया, इसकी जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रशासनिक चूक पर डीजीपी ने कहा कि इसकी जांच के लिए एडीजी जोन और मंडलायुक्त अलीगढ़ के द्वारा जांच की जा रही है और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। जो रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर शासन द्वारा कार्यवाही की जाएगी।
डेढ़ सौ बीघा में बनाया गया था पंडाल
तथाकथित भोले बाबा का सत्संग सुनने के लिए यूपी के कई जनपदों के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से भी श्रद्धालु पहुंचे थे। ग्रामसभा फुलरई में सत्संग का पंडाल बनाया गया था। यह पंडाल मुख्य कस्बे से लगभग छह किमी के फासले पर था। पिछले एक पखवारे से सत्संग की तैयारियां की जा रही थी। लगभग डेढ़ सौ बीघा क्षेत्रफल में यह पंडाल सजा था।
बताया जाता है कि सुबह ही पंडाल पूरी तरह सेभर चुका था और दोपहर 12 बजे भोले बाबा अपनी पत्नी के सात पहुंचे और इसके उपरांत सत्संग शुरू हुआ। दोपहर एक बजे सत्संग खत्म होने के उपरांत आरती हुई। आरती खत्म होने के उपरांत सत्संग खत्म हो गया। इसके बाद भोले बाबा का काफिला सत्संग स्थल से निकलने लगा।
भोले बाबा के निकलते समय बिगड़े हालात
इसके लिए मंच केबगल से हाईवे तक का रास्ता बनाया गया था। भोले बाबा के निकलने के दौरानआयोजकों ने प्रवेश द्वार पर भीड़ को रोक दिया। जैसे ही भोले बाबा का काफिला निकलने वाले गेट के समक्ष पहुंचा, श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन को दौड़ पडी और इसके बाद हालात ऐसे बदले कि 116 लोगों को अपनी जान सेहाथ धोना पड़ा।
तथाकथित भोले बाबा का काफिला आगे बढ़ता रहा और सैकड़ों श्रद्धालु खेतों की तरफ से भी बाबा की तरफ भागे, जब तक लोगों भाग रही भीड़को माजरा समझ में आता, स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी थी। भगदड़ में सैकड़ों लोग दब चुके थे।
आयोजकों की तलाश में जुटी पुलिस
भीड़ के छटने के बाद जब स्थिति साफ हुई तो श्रद्धालु इधर-उधर पड़े थे। जैसे-तैसे सभी को उठाकर अस्पताल ले जाया जाने लगा, यह सिलसिला देर शाम तक चला।
दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि हाथरस में सत्संग खत्म होने के बाद तथाकथित भोले बाबा को मैनपुरी के बिछवा जाना था, लेकिन वह मैनपुरी नहीं पहुंचे। एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने 116 लोगों के मौत की पुष्टि की है। आयोजक को हिरासत में लेकर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
योगी सरकार के दो मंत्री भी हाथरस पहुंचे
मंगलवार रात मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार भी पहुंच गए। इसके अलावा एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ समेत मंडल के सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। शवों को हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटनास्थल पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, एमएलसी ऋषिपाल सिंह ने हालात का जायजा लिया। इस दर्दनाक हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
चार जनपदों में होगा शवों का पोस्टमार्टम
शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आया है, उसके मुताबिक आयोजकों ने भीड़ की जानकारी दिए बगैर ही परमीशन ले ली थी। प्रशासन की तरफ से मौके पर दर्जनभर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। फिलहाल, हादसे के बाद से अलीगढ़ मंडल के सभी जनपद स्तरीय अस्पतालों में अलर्ट है। घटनास्थल पर पहुंचे एडी हेल्थ मोहन झा ने बताया कि अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा जनपद के सभी जिला अस्पतालों में घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। अवकाश पर गए चिकित्सक व विशेषज्ञों को बुला लिया गया है, साथ ही चारों जिलों में पोस्टमार्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।