मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस में हुई भगदड़ के घटनास्थल का निरीक्षण किया, अस्पताल में इलाजरत घायलों से मुलाकात की
लखनऊ/हाथरस. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में हुई भगदड़ के बाद से ही यह घटना देशभर में छाई हुई है। मंगलवार दोपहर हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। अस्पताल में इलाजरत घायलों से मुलाकात की। सीएम के विजिट के दौरान हाथरस में भारी बरसात भी होती रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच के लिए टीम गठित कर दीगई है। हाथरस में घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ कहा, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है।
इसमें उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी लोग शामिल हैं। यूपी के हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, आगरा, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर और लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों से अनुयायियों की भीड़ हाथरसआई थी। कुल 121 मृतकों में छह मृतक अन्य राज्यों के हैं।
सत्संग आयोजकों ने अंदर जाने से रोका
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले तो आयोजकों ने प्रशासन को परिसर के अंदर जाने से ही रोक दिया। इस हादसे के बाद जब पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने लगी तो सभी सेवादार घटनास्थल से भाग निकले। प्रथम दृष्टया राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। इसके पश्चात आयोजकों का बयान दर्ज करने, उनसे पूछताछ करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
भगदड़ के पीछे साजिश की होगी जांच
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि इस प्रकरण को केवल हादसा कहकर नहीं टाला जा सकता। उसकी भी जांच होगी कि हादसा कैसे हुआ। कहीं यह हादसा कोई साजिश तो नहीं है। साजिश है तो दोषियों को ढूंढ़कर निकाला जाएगा और उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी, ताकि ऐसी घटना दोहराने की हिम्मत फिर कोई न जुटा पाए।
चार जिलों में चल रहा घायलों का इलाज
सीएम ने कहा, इस भगदड़ में घायल हुए लोगों का इलाज हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा के अस्पतालों में चल रहा है। घायलों से मैंने बातचीत भी की। कहा- इस कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने आए थे, उनकी कथा संपन्न होने के बाद, उनके मंच से उतरने के पर, उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल आगे बढ़ा, तभी उनके पीछे एक भीड़ गई।
बाबा के सेवादार भी देते रहा धक्का
इसी दौरान कुछ लोग नीचे गिरे और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। इस दौरान सेवादार भी श्रद्धालुओं को धक्का देते रहे, जिसके कारण यह हादसा हुआ। पूरी घटना की जांच के लिए एडीजी (ADG) आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी (SIT) गठित की गई है, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। अभी और कई पहलू हैं, जिनपर जांच होना आवश्यक है।
सबको पता है आयोजकों के किससे संबंध हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस दुखद घटना के बाद विपक्ष के लोगों के द्वारा प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं, प्रशासनिक इंतजाम पर भी सवाल उठाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों की ऐसी प्रकृति होती है। ऐसी घटनाओं पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सबको पता है कि आयोजकों के साथ किसके संबंध हैं। श्रद्धालुओं की मौत पर इसत रह की राजनीति करना किसीभी लिहाज सेठीक नहीं।
लोगों को मरता छोड़कर सेवादार भाग निकले
एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ऐसा नहीं है कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं होता है। इससे भी बड़े-बड़े कार्यक्रम होते रहे हैं। आयोजकों व सेवादारों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए थी कि कोई घटना न होने पाए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद लोग मरते रहे और सेवादार भाग गए। सीएम ने कहा कि जिन लोगों की इस घटना में जान गई है, उनके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी।
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