लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में दो जुलाई को हुए सत्संग में 80 हजार की भीड़ बताकर परमीशन मांगी गई थी, जबकि 2.5 लाख की भीड़ जुटाकर श्रद्धालुओं को मौत के मुंह में ढकेल दिया गया। तथाकथित बाबा सूरजपाल करोड़ों की संपत्ति का मालिक है। यह अपने ही अनुयायियों को धोखे में रखता है। आगरा में एक बच्ची की मौत पर बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने दावा किया था कि वह बच्ची को जिंदा कर देगा। उस समय बाबा पर केस दर्ज किया गया था।
हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आ चुका है। एफआईआर में भले ही बाबा का नाम नहीं है, लेकिन उसके सत्संग में भगदड़ मची भगदड़ के बाद बाबा की जांच शुरू होगई है। पुलिस की शुरुआती जांच में उसका असली नाम सामने आया है। बाबा का असली नाम सूरजपाल है।
सूरजपाल सिंह उर्फ हरि बाबा उर्फ भोले बाबा पुलिस विभाग में कांस्टेबल रहा है। 1998 के आसपास उसने नौकरी छोड़ दी और धीरे-धीरे बाबा बन गया। सूरजपाल सिंह पटियाली तहसील के बहादुरनगर गांवका निवासी है। बाबा के कोई बच्चे नहीं हैं। पत्नी बाबाके साथ ही रहती है। पटियाली तहसील पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में है।
हरि बाबा उर्फ भोले बाबा अपने गांव बहादुर नगर में लगभग डेढ साल पहले आया था। गांव की जमीन पर बाबा ने ट्रस्ट बनाया है। समीपवर्ती राज्य राजस्थान में भी भोले बाबा का काफी प्रभाव है और वहां बड़ा आश्रम है। हाथरस में मची भगदड़ के बाद सेफरार बाबा फिलहाल लगातार फरारी काट रहा है। बाबा के परिवार में माता-पिता की मौत हो चुकी है। उसके तीन भाई हैं।
उत्तर प्रदेश में भोले बाबा के दो प्रमुख ठिकाने हैं, जिसमें एक आगरा और दूसरा अलीगढ़ में है। जबकि एक अन्य बड़ा ठिकाना राजस्थान में है। इसके अलावा बाबा करोड़ों की संपत्ति का मालिक भी है। हाथरस कांड की अलग-अलग स्तर परजांच करवाई जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच आयोग की भी घोषणा की है।
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