जी-20 की अध्यक्षता भारत के लोकतंत्र और विविधता को उजागर करने का अवसरः डा. जयशंकर
नई दिल्ली (the live ink desk). विदेश मंत्री (foreign Minister) डॉक्टर जयशंकर प्रसाद (Dr. Jaishankar) ने कहा, जी-20 (G-20) की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब विश्व भू-राजनीतिक संकट, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में धीमी प्रगति और जलवायु की चुनौतियों से जूझ रहा है।
भारत में जी-20 की पहली बैठक शुरु हो चुकी है। देशभर में 32 विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी करीब दो सौ बैठकें और आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। विदेश मंत्री डा. जयशंकर प्रसाद राज्यसभा में देश की विदेश नीति पर बोल रहे थे।
बुधवार को डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा, जी-20 की अध्यक्षता (G-20 chairmanship) भारत के लिए विकास, लोकतंत्र और विविधता को उजागर करने का अवसर है। इस दौरान भारत का प्रयास सदस्य देशों के बीच आम सहमति बनाना, विकासशील और कम विकसित देशों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देना है। उन्होंने कहा, इस दौरान विभिन्न सांस्क़ृतिक कार्यक्रमों, त्योहारों, प्रौद्योगिकी और मोटे अनाजों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने हुए भारत को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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डा. जयशंकर प्रसाद ने कहा, 17वां प्रवासी दिवस अगले वर्ष (2023) आठ से 10 जनवरी तक इंदौर में आयोजित होगा। बताया, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। चीन के मसले पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा में एकतरफा बदलाव की किसी भी कोशिश को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
रूस से कच्चे तेल की खरीद पर उन्होंने कहा, हम कंपनियों को रूस से तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं। हम, उनसे वह खरीदने के लिए कहते हैं, जो उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। भारतीयों के हित में जो सबसे अच्छा सौदा हो, वही ठीक होगा।