उपचार और प्रबंधन में सहयोग करेंगे सीएचओ, सीएचसी में दिया गया प्रशिक्षण
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). सीएचसी मेजा में फाइलेरिया उन्मूलन एवं कुष्ठ रोग कार्यक्रम के तहत ब्लाक के सभी दर्जनभर सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) को रोगियों की पहचान करने, उनकी साफ-सफाई और उपचार प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। सीएचसी अधीक्षक डा. ओम प्रकाश ने बताया कि मेजा ब्लाक के सभी सीएचओ को प्रशिक्षित कर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा हैं। आज फाइलेरिया उन्मूलन एवं कुष्ठ रोग के रोगियों की पहचान के साथ ही अहम् बिंदुओं के बारे में बताया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि जनपद के सभी सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) को ब्लाकवार प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि समय रहते ही वह फाइलेरिया रोगी की पहचान कर सकें और चिन्हित मरीज के उपचार प्रबंधन में सहयता कर सकें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग ठीक नहीं होता है, लेकिन देखभाल, साफ-सफाई और सही उपचार के माध्यम से बढ़ने से रोका जा सकता है, जिससे मरीज की परेशानी को कम किया जा सके। उन्होंने भटौती से आए फाइलेरिया रोगी लालकिशोर को फाइलेरिया मोरबिडिटी मैनेजमेंट किट (टब, बाल्टी, मग तौलिया, क्रीम) देकर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया और आवश्यक जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं करना है। शेष सभी लोग साल में एक बार और लगातार पांच वर्ष तक दवा खाकर भविष्य की परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि माइक्रो फाइलेरिया यदि शरीर के अंदर है तो भी वह दवा के सेवन से समाप्त हो जाता है। दवा खाने से संक्रमित व्यक्ति से उसके परिवार में संक्रमण नहीं फैलता है। यह दवा पूर्णतया सुरक्षित है।
जिला कुष्ठ रोग विभाग से आए परामर्शदाता डा. एएन यादव, डा. वीसी ओझा ने कुष्ठ रोग से संबंधित जानकारी साझा की। बताया कि कुष्ठ रोग व्यक्ति में माइकोबैक्टेरियम लैप्री नामक जीवाणु के कारण होता है। कुष्ठ रोग आनुवांशिक एवं छुआछूत से फैलने वाला रोग नहीं है।