महर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की ‘विरासत’ पर खेती करवा रहा वन विभाग
स्थानीय अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से की गई शिकायत
भारतीय किसान यूनियन भी वन विभाग पर लगा चुका है आरोप
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित महर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन की विरासत ‘टंडन वन’ के एक बड़े हिस्से पर खेती की जा रही है। इस मामले की शिकायत भारतीय किसान यूनियन के द्वारा पहले भी तहसील, जिला प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री तक से की गई है। एक अन्य शिकायत में कहा गया है कि वन विभाग (Forest Department) और भूमाफियाओं की मिलीभगत से मौजूदा समय में टंडन वन की 450 बीघे जमीन पर खेती करवाई जा रही है।
टंडन वन की भूमि पर खेती व अवैध कब्जे के विरोध में भाकियू (भानू) व क्षेत्रीय लोग पिछले दो वर्ष से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पर, इस मामले में तहसील व जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन साधे हुए है। स्थानीय स्तर पर कार्यवाही नहीं होने के कारण भाकियू की तरफ से तहसील दिवस पर दो दर्जन से अधिक पर शिकायती पत्र दिया गया। लगातार शिकायत मिलने पर तत्कालीन एसडीएम बारा ने जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया और जांच सौंपी, जांच के दौरान अनियमितता उजागर हुई, बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं की गई।
शंकरगढ़ क्षेत्र के देवखरिया, बेमरा निवासी अधिवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि खेती करवाने के लिए वन विभाग के सैकड़ों पेड़ कटवा दिए गए और कई लोगों का वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा करवा दिया गया। जल, जंगल, जमीन और जीवन के साथ-साथ व्यापक पैमाने पर वन विभाग के द्वारा मनमानी की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लूटखसोट में व्यस्त हैं। अधिवक्ता राकेश त्रिपाठी ने उक्त पूरे मामले की शिकायत संबंधित अधिकारियों से करते हुए टंडन वन की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने, खेती के लिए काटे गए पेड़ों को फिर से लगवाए जाने की मांग की है।