कोटेदार बेचेंगे मिठाई, दूध, ब्रेड जैसे रोज की जरूरत वाले 39 उत्पाद
कोटेदारों की आय में इजाफा करने के उद्देश्य से खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रदान की अनुमति
प्रयागराज (धीरेंद्र केसरवानी). सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों को समृद्ध और कोटेदारों की आय में इजाफा करने की नीयत से खाद्य एवं रसद विभाग ने 39 ऐसे उत्पादों को बेचने की अनुमति प्रदान की है, जो हर किसी की रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होते हैं। इसका फायदा बड़ी बाजारों से दूर गांवों में रहने वाले उन लोगों को मिलेगा, जिन्हे अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए रोजाना काफी दूर तक का सफर तय करना पड़ता है। फिलहाल, यह सुविधा उन्ही कोटेदारों के यहां उपलब्ध होगी, जहां पर भारी वाहनों का आवागमन सुलभ है।
प्रदेश शासन के संयुक्त सचिव संतलाल ने सूबे के सभी आयुक्त (खाद्य एवं रसद विभाग) को भेजे गए शासनादेश में कहा है कि राज्य सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन वितरित खाद्यान्न और अन्य अनुसूचित वस्तुओं से भिन्न अन्य वस्तुओं की बिक्री के लिए अनुमति सशर्त प्रदान की जाती है।
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इसमें रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं में दूध व दूध से बने उत्पाद (पैक्ड), बिस्किट, ब्रेड, गुड़, घी, नमकीन, सूखे मेवे (पैक्ड), मिठाई (पैक्ड), मसाले, दूध पाउडर, बच्चों के कपड़े, राजमा, सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री, सोयाबीन, क्रीम, धूपबत्ती, कंधी, शीशा, झाड़ू, पोंछा, ताला, छाता, रेनकोट, वॉल हैंगर, ब्रश, वाशिंग पाउडर, मच्छररोधी अगरबत्ती, बर्तन साफ करने वाला साबुन, इलेक्ट्रिक सामान, टार्च, वॉल क्लाक, माचिस, रस्सी, पानी वाली पाइप, बाल्टी, मग, छलनी आदि शामिल है।
इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी वस्तुओं में हैंडवाश, बाथरूम क्लीनर, शेविंग किट, बेबी केयर से जुड़े उत्पाद बेचे जा सकेंगे। बताते चलें कि खाद्य एवं रसद विभाग की तरफ से अभी तक सरकारी राशन की दुकानों पर गेहूं, चावल, दाल, आटा, चीनी, खाद्य तेल, मिट्टी का तेल, मोटा अनाज, नमक, साबुन, चाय, पेन-कापी, ओआरएस घोल, सेनटरी नैपकीन आदि के बेचे जाने की व्यवस्था दी गई थी।
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