ग्रामसभा खूझी की पगडंडी कहती है, जान हथेली पर लेकर आइए!
बरसात के दिनों में आए दिन गिरकर चोटिल होते हैं बाइक सवार
स्कूल आने-जाने में बच्चों को झेलनी पड़ती ही काफी फजीहत
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). बरसात के दिनों में गांव-गिरांव को जोडने वाले कच्चे रास्ते गंतव्य तक कम, अस्पताल ज्यादा पहुंचाते हैं। विकास खंड जसरा (विधानसभा बारा) के ग्रामसभा खूझी को जोड़ने वाले रास्ते का हाल इन दिनों कुछ ऐसा ही है। पूरे रास्ते पर जगह-जगह पानी भरा है, जो बड़े वाहनों के आवागमन के साथ ही कीचड़ और दलदल के रूप में तब्दील हो गया है।
स्थानीय ग्रामीणों के गांव से बाहर जाने और आने का यही एक मुख्य मार्ग है। बरसात के दिनों में होने वाली समस्या को लेकर कई दफा सांसद, विधायक से गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक यह रास्ता पक्का नहीं हो सका। आज के समय में यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील है। लोगों कोआवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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ग्रामसभा खूझी के ग्रामीणों का कहना है कि कई पीढ़ी बीत गई, सरकारें आईं और गईं, लेकिन गांव को जोड़ने वाली मुख्य वैसी ही रह गई। खेतों के बीच से गुजरने वाली इस कच्ची सड़क पर बरसात होते ही आवागमन दुरुह होजाता है। जान हथेली पर रखकर लोग सफर करते हैं, क्योंकि कब, कौन फिसलकर हादसे का शिकार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। ग्रामीणों का कहना है कि बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और अब वर्तमान में भाजपा पार्टी की सरकार के विधायक और सांसद को भी पक्की सड़क की मांग को लेकर प्रार्थनापत्र दिया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
समाजसेवी आशीषराज त्रिपाठी का कहना है कि यदि सरकार द्वारा जल्द ही इस सड़क का निर्माण नहीं करवाया जाता तो स्थानीय ग्रामीण उक्त मार्ग पर धान की रोपाई करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहाकि इस समय सड़क की स्थिति किसी पलेवा खेत से कम नहीं है। इसके बाद स्थानीय विधायक, सांसद और मौजूदा सरकार के खिलाफ पैदल मार्च व् विरोध प्रदर्शन करेंगे।
प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर प्रवीण सिंह का कहना कि जबसे मेरी पोस्टिंग ग्रामसभा खूझी में हुई है, स्कूल तक पहुंचने काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सड़क के खस्ताहालत होने के कारण बच्चे भी बरसात के दिनों में स्कूल नहीं आते। वहीं मुनींद्र प्रसाद त्रिपाठी आचार्य का कहना है कि कई बार शिकायती पत्र दिया गया, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो सका।
यदुवंशमणि ने बताया ग्रामीणों निर्णय लिया है कि अगर इस गांव की सड़क नहीं बनवाई जाती तो आगामी चुनाव का पूर्ण रूपेण से बहिष्कार किया जाएगा। खूझी के प्रधान आशीष पाल, नीरज त्रिपाठी, श्याम सिंह पाल, सौरभ त्रिपाठी, शियाशंकर यादव, रवि त्रिपाठी, आशीष पांडेय, मंतेश यादव, संजय पाल, कपिल पाल, स्नेहा देवी, नेहा तिवारी, पूजा त्रिपाठी, मानगो देवी, राजू दुबे, रामरति हरिजन, दिनेश कुमार कोटेदार, पूर्व प्रधान राममणि पांडेय, वीडीसी धनंजय पांडेय, शिवशंकर पाल, पंकज तिवारी, निगम त्रिपाठी, आदर्श तिवारी, हरिपाल, पूर्व प्रधान लालजी पाल, उदयनारायण पांडेय, नेहा तिवारी, सतीश कुमार तिवारी, रती हरिजन, सिया दुलारी, गायत्री देवी, ऊषा देवी, पूनम त्रिपाठी, सरला देवी, अनारो, ललिता यादव, अवनीश पाल ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि शीघ्र ही जोरदार तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।