इसी चूल्हे पर कभी-कभार बनता है ‘इलाहाबाद’ के बच्चों का मिड डे मील!
शिवजियावन इंटर कालेज लेड़ियारी के प्राथमिक विभाग नहीं किया जा रहा निर्धारित मानकों का पालन
प्रयागराज (राहुल सिंह). बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में मिड डे मील के लिए नया मेन्यू लागू किया गया है। नये मेन्यू के तहत सोमवार को रोटी, सोयाबीन की बड़ी युक्त मौसमी सब्जी और फल, मंगलवार को चावल व सब्जीयुक्त दाल, बुधवार को मौसमी सब्जी और सोयाबीन की बड़ीयुक्त तहरी और दूध दिए जाने का आदेश है। इसी क्रम में गुरुवार को रोटी और सब्जीयुक्त दाल, शुक्रवार को मूंग की दाल, मौसमी सब्जीयुक्त बाजरा की खिचड़ी या फिर मौसमी सब्जी और सोयाबीन की बड़ीयुक्त तहरी और शनिवार को चावल-सब्जीयुक्त दाल प्राइमरी को बच्चों को परोसने का निर्देश है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सभी विद्यालयों में इसी नये मेन्यू के तहत मिड डे मील परोसा जाना चाहिए। पर, कई विद्यालय ऐसे हैं,जहां पर इसका पालन नहीं किया जाता। इन्ही विद्यालयों में एक नाम है शिवजियावन इंटर कालेज लेडियारी का। विकास खंड कोरांव में स्थित शिव जियावन इंटर कालेज के प्राइमरी विभाग में अध्ययनरत बच्चों को फल और दूध तो कभी दिया ही नहीं जाता।
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विद्यालय के कई बच्चों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां गैस के स्थानपर लकड़ी के चूल्हे परखाना बनाया जाता है। कभी रोटी और पानीदार सब्जी तो कभी चावल के साथ पानीदार सब्जी परोस दी जाती है। जबकि मिड डे मील का खाना बनाने के लिए सिलेंडर का इस्तेमाल करने का आदेश है, बावजूद इसके लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।
विद्यालय परिसर में चौतरफा गंदगी का अंबार है। कक्षा कक्ष की हालत ऐसी है, जैसे कभी झाड़ू ही नहीं लगाई जाती। आवारा पशुओं का जमाव़ड़ा लगा रहता है। कालेज के प्रधानाचार्य कभी भी प्राइमरी सेक्शन की तरफ रुख नहीं करते। यहां की शिक्षा व्यवस्था भी रामभरोसे ही चल रही है। इसके अतिरिक्त अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी संकट बना रहता है। इस विद्यालय की हालत इतनी खराब है कि यहां अभी भी प्रयागराज के स्थान पर वही पुराना नाम इलाहाबाद लिखा हुआ है।
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पुराने नाम इलाहाबाद के स्थान पर नया नाम प्रयागराज लिखवाने की जहमत भी अभी तक नहीं उठाई गई, ऐसे में यहां की अन्य व्यवस्थाएं कितनी अच्छी होंगी, उसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
इस मामले में कार्यवाहक प्रधानाचार्य संतलाल कनौजिया से बात की गई। उन्होंने बताया कि पहले जो सफाई कर्मचारी था, वह रिटायर हो चुका है। उनके घर से एक व्यक्ति सफाई करने के लिए आता है। विद्यालय कैंपस में जिस स्थान पर गंदगी का बात की जा रही है, वहां पर बच्चों को नहीं बैठाया जाता।
दूसरी तरफ खंड शिक्षा अधिकारी कोरांव रिजवान अहमद का कहना है कि यदि इस तरह से गंदगी व मिड डे मिल में अनीमियता की जा रही है तो जांच करके उच्चाधिकारियो को रिपोर्ट भेजी जाएगी और सभी ऐसे सभी विद्यालयों का सघन निरीक्षण भी किया जाएगा, जो वित्तीय सहायता प्राप्त हैं और मिड डे मील में मनमानी कर रहे हैं।