भदोही (संजय सिंह). जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्राहक को ट्रैक्टर के प्रलेख (कागजात) न देने और सेवा में कमी करने ओम ऑटो एजेंसी पर दो लाख, 10 हजार रुपया का जुर्माना लगाया है। एजेंसी को दो माहकी मोहलत दी गई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि यदि दुकानदार द्वारा आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो 18 दिसंबर, 2023 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 12% ब्याज भी अदा करना होगा।
जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि जितेंद्र बहादुर सिंह पुत्र स्व. बटुक बहादुर सिंह (निवासी पूरे गोसाई दास, ज्ञानपुर) ने 18 दिसंबर, 2023 को ओम ऑटो एजेंसी (डीलर, एस्कॉर्ट फार्माट्रेक), प्रोफेसर कॉलोनी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई थी कि डीलर द्वारा परिवादी को बेचे गए ट्रैक्टर के प्रलेख नहीं दिए गए, जिससे परिवादी का ट्रैक्टर खड़ा रहा और नुकसान हुआ।
परिवादी के अधिवक्ता का कहना है कि विपक्षी द्वारा इस प्रकार अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का सहारा लेकर प्रवासी के साथ छल करते हुए वादी से पूरा पैसा प्राप्त करने के बाद भी ट्रैक्टर के कागजात नहीं दिए गए, जिससे परिवारी को मानसिक तनाव और आर्थिक क्षति हुई। वादी के द्वारा अपने वाद को समर्थन के लिए शपथपत्र भी दाखिल किया गया।
जिला उपभोक्ता आयोग के द्वारा विपक्षी ओम ऑटो एजेंसी को नोटिस जारी की गई, लेकिन नोटिस पर्याप्त रूप से तामीला होने के बावजूद विपक्षी की ओर से कोई जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया, जिससे मामला एकपक्षीय चला।
जिला उपभोक्ता आयोग ने बहस और पत्रावली के अवलोकन के बाद आदेश में कहा की ट्रैक्टर दरवाजे पर खड़ा होने और कार्य न करने के कारण ₹400000 की क्षतिपूर्ति मांगी गई है, परंतु इसका कोई आधार नहीं दिया गया। ऐसे मामले में सांकेतिक रूप से क्षति का आकलन किया जाना उचित होगा।
जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी की शिकायत आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया कि निर्णय और आदेश के दो माह के अंदर वह परिवादी को ट्रैक्टर के प्रयोग से वंचित रखने से हुई क्षति की प्रतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपया और सेवा में की गई कमी से हुई क्षतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपये और मुकदमा खर्च के लिए दस हजार अदा करें।