पूर्वांचलराज्य

15 लाख रुपये के बीमा का भुगतान करे जनरल इंश्योरेंश कंपनी

छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करने का निर्देश

भदोही (संजय सिंह). जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मामले में प्रबंधक (रॉयल सुंदरम, जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) को दो माह में बीमित धनराशि 15 लाख रुपये अदा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा 15 लाख की धनराशि पर आवेदन करने की तिथि 23 जुलाई, 2022 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करना होगा।

यदि कंपनी दो माह में भुगतान नहीं करती तो उसे छह के स्थान पर 12 फीसद ब्याज देना होगा। जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि प्रमिला पत्नी श्यामधर रामराज यादव (निवासी ग्राम सिंहपुर,गोपीगंज) ने नौ सितंबर, 2022 को जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत के मुताबिक प्रमिला के पति श्यामधर रामराज यादव ऑटो रिक्शा के पंजीकृत स्वामी थे। वाहन महाराष्ट्र के थाने आरटीओ कार्यालय से पंजीकृत था। इसके अलावा वाहन का बीमा दो अप्रैल, 2022 से एक अप्रैल 2023 तक प्रभावित था। इस बीमा के तहत पर्सनल एक्सीडेंट बेनिफिट के लिए 315 रुपया प्रीमियम की धनराशि अदा की गई थी, जिस पर 15 लाख रुपये जोखिम होने पर मिलना था।

नौ जून, 2022 को ऑटो रिक्शा में टक्कर लगने के कारण श्यामधर की मृत्यु हो गई थी। इस प्रमिला ने प्रबंधक रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के वाराणसी कार्यालय और चेन्नई के कार्यालय को ₹15 लाख पर्सनल एक्सीडेंट बेनिफिट के लिए मिलने वाली धनराशि के लिए आवेदन किया गया। कंपनी ने बीमित धनराशि नहीं चुकाई।

इस शिकायत पर जिला उपभोक्ता आयोग ने विपक्षी को नोटिस जारी की। विपक्षी ने अपने जवाबदेही में कहा कि वादिनी का मुकदमा गलत तथ्यों पर आधारित है। वादिनी की ओर से उनके अधिवक्ता मुनेश कुमार यादव के द्वारा साथ शपथ पत्र आदि दाखिल किए गए। जिला उपभोक्ता आयोग पीठ द्वारा दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहास सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया गया।

जिला उपभोक्ता आयोग  के न्यायाधीश अध्यक्ष संजय कुमार डे, महिला सदस्य दीप्ति श्रीवास्तव और सदस्य विजय बहादुर सिंह की पीठ ने परिवादी की शिकायत आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि परिवादनी के पति श्यामधर रामराज यादव का ऑटो रिक्शा विपक्षी बीमा कंपनी से बीमित था और दुर्घटना की तिथि दो जून, 2022 को बीमा प्रभावी था। इस दौरान दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मृत्यु हुई, जो मृत्यु प्रमाण पत्र से भी साबित होता है।

इस संबंध में महाराष्ट्र के थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट भी पंजीकृत कराई गई थी और पुलिस ने नियमानुसार पंचायत नामा और पोस्टमार्टम भी कराया था। इसलिए बीमा कंपनी पर्सनल एक्सीडेंट बेनिफिट के तहत 15 लाख रुपय देने की उत्तरदाई है। आयोग ने धनराशि चुकाने के लिए दो माह का वक्त दिया है।

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