मेडिकल स्टुडेंट्स ने सीखीं स्यूचरिंग तकनीक की बारीकियां
जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से ओपन एंड लैप्रोस्कोपिक नॉटिंग, स्यूचरिंग एंड वैस्कुलर एनास्टोमोटिक ट्रेनिंग पर वर्कशॉप, जॉनसन की बस- इंस्टीटयूट ऑन व्हील्स पहुंची टीएमयू
मुरादाबाद (the live ink desk). जॉनसन एंड जॉनसन के रीजनल ब्रांच मैनेजर संदीप त्यागी बोले, हम समाज को अति अल्प खर्च में बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जॉनसन एंड जॉनसन डॉक्टर्स, नर्सेंज और मेडिकल से जुड़े लोगों को भी बेहतर चिकित्सा उपकरण देने के लिए प्रयासरत है। जॉनसन एंड जॉनसन की वर्कशॉप के कई फेज हैं। इंस्टीटयूट ऑन व्हील्स इसका एक प्रमुख फेज हैं। इस फेज में एंडोट्रेनर और लैप्रोस्कोपिक स्यूचरिंग की ट्रेनिंग शामिल है। संदीप त्यागी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के सर्जरी विभाग और जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से ओपन एंड लैप्रोस्कोपिक नॉटिंग, स्विचरिंग एंड वैस्कुलर एनास्टोमोटिक ट्रेनिंग वर्कशॉप में बोल रहे थे।
इससे पूर्व जॉनसन एंड जॉनसन की बस- इंस्टीटयूट ऑन व्हील्स में सर्जरी के पीजी और एमबीबीएस स्टुडेंट्स को एंडोट्रेनर और लैप्रोस्कोपिक स्यूचरिंग की ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा स्टुडेंट्स ने सर्जिकल तरीकों से टांके लगाना, आंतों एवं वैस्कुलर रिपेयरिंग आदि करना भी सिखाया गया। बस में कुल 11 स्टेशन थे, जिनमें 05 स्टेशन एंडोट्रेनर और 06 स्टेशन जनरल स्यूचरिंग के थे। इस बस में स्टुडेंट्स को एक ऐसा माहौल दिया गया, जिसमें यह लग रहा था जैसे वह वास्तव में सर्जरी के बाद स्विचरिंग कर रहे हों। तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. अजय पंत, जॉनसन के असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर मनीष पंत, वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, एएसएम डा. वीके सिंह, सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. एनके सिंह आदि ने फीता काटकर इंस्टीटयूट ऑन व्हील्स का शुभारंभ किया। वर्कशॉप के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और पौधे देकर सम्मानित किया गया।
हाईकोर्ट का आदेशः वेबसाइट पर OBC आयोग की रिपोर्ट अपलोड करे प्रदेश सरकार |
स्कूल बस की फिटनेस फेल, दो स्लीपर बस समेत 17 का चालान |
भ्रष्टाचार के खिलाफ हनुमानजी की तरह भाजपा दृढ़ प्रतिज्ञः नरेंद्र मोदी |
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. अजय पंत बोले, स्यूचरिंग तकनीक में सर्जन को मास्टर होना जरूरी है। स्यूचरिंग एक साइंटिफिक कला है। मरीज को पता नहीं होता है कि शरीर के अंदर क्या हुआ, लेकिन बाहर से वह स्यूचरिंग को देखता है। उन्होंने सामान्य स्यूचरिंग से लेकर आधुनिक स्यूचरिंग के बारे में भी चर्चा की। सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. एनके सिंह ने स्टुडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा, यदि आप प्रभावी तरीके से स्यूचरिंग करते हो तो आप पेशेंट और समाज की केयर क्वालिटी में सुधार कर रहे हो। गलत स्यूचरिंग का खामियाजा पेशेंट को फिजिकली, मेंटली और इकोनोमिकली, सब तरह से भुगतना पड़ता है।
वाइस प्रिंसिपल डा. एसके जैन, डा. वीके सिंह, डा. सीके जखमोला आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। वर्कशॉप में सभी विभागों के एचओडीज़ के संग-संग सर्जरी के पीजी, एमबीबीएस, इंटर्न्स समेत 250 स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया। संचालन डा. अनुराधा, डा. तनवीर और डा. सौम्या ने संयुक्त रूप से किया।