माहे मोहर्रम: अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया के नौहों पर सिसकियां लेकर रोए अज़ादार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). चक ज़ीरो रोड स्थित इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन में अशरए मोहर्रम की पांचवीं पर अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया के नौहों पर अजादार सिसकियां लेकर बिलखते नजर आए। मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर रिज़वी साहब क़िब्ला ने हमशक्ले पैगंबर, हुसैन ए मज़लूम के फरज़ंद जनाब ए अली अकबर के सीने पर यज़ीदी लश्कर द्वारा बरछी से वार कर शहीद करने के वाक़ए का जिक्र किया तो अज़ादारों की आंखें छलछला आईं।
मजलिस के बाद शहर की मशहूर ओ मारुफ अंजुमन गुंचा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार के नौहाख्वानों शादाब ज़मन ‘शाहरुख‘, अस्करी अब्बास, अखलाक़ रज़ा, ज़हीर अब्बास, यासिर ज़ैदी, कामरान रिज़वी, ऐजाज़ नक़वी, अली रज़ा रिज़वी, शबीह रिज़वी, अकबर रिज़वी, हैदर रिज़वी आदि ने शायरे अहलेबैत तालिब इलाहाबादी का नौहा पढ़ा तो हर आंख अश्कबार हो गई।
सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार अंजुमन के जनरल सेक्रेटरी मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन ‘अब्बू‘, हसनैन अख्तर, सलीम रिज़वी, ज़हीर अब्बास नकवी, अली रिज़वी,आसिफ रिज़वी, अदनान रज़ा, शजीह अब्बास, ज़ामिन हसन, नय्यर आब्दी, अरशद नक़वी, अहसन भाई, ज़फ़र भाई आदि शामिल रहे।

मातमदारों ने तेज़ धार की छूरियों से किया मातमः दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अबुल हसन खां में माहे मोहर्रम की पांचवीं पर मजलिस को ज़ाकिर ए अहलेबैत रज़ा हसनैन ने खिताब किया तो अंजुमन हाशिमया दरियाबाद के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। शबीह ए ज़ुलजनाह भी निकाला गया। अंजुमन हाशिमया के सदस्यों ने तेज़ धार की छूरियों से लैस ज़ंजीरों से पुश्तज़नी कर अपने आप को लहूलुहान कर लिया। ज़िया अब्बास अर्शी, यासिर सिबतैन आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। मशहद अली खां, सैय्यद मोहम्मद अस्करी शफक़त अब्बास पाशा, रानू, आसिफ रिज़वी, ज़ामिन हसन आदि शामिल रहे।
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| Moharram: इमामबाड़ा सफदर अली बेग में निकाला गया ज़ुलजनाह |
फूलपुर के शाहापुर से निकाला ज़ुलजनाह का जुलूसः फूलपुर के शाहापुर गांव में सैय्यद इफ्तेखार हुसैन के अज़ाखाने से शोहदाए करबला की याद में दुलदुल व अलम का जुलूस निकाला गया। मौलाना सैय्यद वाजिद हुसैन ने इराक़ के करबला के मैदान में 1400 साल पहले इंसानियत की खातिर यज़ीदी लश्कर और खानदाने रिसालत के बीच हुई जंग का तज़केरा किया। बाद में नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला। मखमल की चादर से ढंके घोड़े पर गुलाब व चमेली के फूलों से सजा का ज़ुलजनाह निकाला गया तो अक़ीदतमंदोंका सैलाब ज़ियारत और बोसा लेने को उमड़ पड़ा। गांव में गश्त के दौरान तमाम अहले सुन्नत व हिन्दू धर्म की महिलाओं ने ज़ुलजनाह का बोसा लेने के साथ दूध जलेबी खिलाकर अक़ीदत का इज़हार किया। इस मौके पर अब्बास हुसैन, शाहरुख अली, अमन अली, वली हुसैन, ताहा हुसैन, काविश हुसैन, ज़ैन काज़मी, ज़रग़ाम हुसैन मौजूद रहे।
रोशन बाग़ से निकलेगा अली असग़र का झूला अलमः माहे मोहर्रम की छठवीं (25 जुलाई, मंगलवार) पर रात आठ बजे रोशनबाग़ स्थित इमामबाड़ा स्व. मुस्तफा हुसैन से हज़रत अली असग़र का झूला, दो विशाल अलम और हज़रत अली अकबर का ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा। काज़िम अब्बास व साथियों द्वारा सोज़ख्वानी तो ज़ाकिरे अहलेबैत रज़ा अब्बास ज़ैदी मजलिस को खिताब करेंगे। अंजुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम के नौहाख्वानों ग़ुलाम अब्बास आदि के साथ नौहाख्वानी करते हुए जुलूस को रोशन बाग़, बख्शी बाज़ार, क़ाज़ीगंज, अहमदगंज होते हुए फूटा दायरा इमामबाड़े तक लेकर जाएंगे। यह जानकारी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने दी।
