रात भर गूँजती रहीं नौहों और मातम की सदाएँ
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). पानदरीबा शाहगंज में हय्या अला खैरिल अमल की ओर से शब्बेदारी में रात भर नौहों और मातम की सदाएँ गूँजती रहीं। बहलोले हिंद आफताबे निज़ामत जनाब नजीब इलाहाबादी की निज़ामत (संचालन) में शहर की एक दर्जन मातमी अंजुमनों ने नौहों और मातम की सदाएं बुलंद कीं। इमामबाड़ा सफदर अली बेग में शब्बेदारी का आग़ाज़ मिर्ज़ा जहाँगीर बादशाह की सोज़ख्वानी से हुआ। मौलाना सैय्यद मोहम्मद यासिर साहब क़िबला ने मजलिस को खेताब किया।
अमन ज़ैदी दरियाबादी ने खुसूसी नौहा पढ़ा। अंजुमन नक़विया दरियाबाद, अंजुमन हैदरी दरियाबाद, अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड दरियाबाद, अंजुमन अब्बासिया रानीमंडी, अंजुमन अब्बासिया दाँदूपुर के नौहाख्वानों ने सिलसिलेवार नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।
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शब्बेदारी में दुलदुल घोड़े को आकर्षक फूलों से सजाकर रात भर ज़ियारत कराई गई। हज़रत अब्बास का अलम भी साथ रहा। अक़ीदतमंदों ने पूरी रात तबर्रुक़ात की ज़ियारत के साथ मन्नत व मुरादें मांगी। हय्या अला खैरिल अमल कमेटी की ओर से सभी मातमी अंजुमनों को तोहफा भी भेंट किया गया। इस मौक़े पर सुहेल, शमशाद, तनवीर आलम, सलीम साहब, माहे आलम, अहमद हुसैन, हसन मेंहदी, मुर्तुज़ा अली बेग, मुजतबा अली बेग, सादिक़ हुसैन, जाने आलम, शहबाज़ मोहम्मद अली, सलमान हैदर, सैफ, फैज़, वक़ार भाई, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, आसिफ रिज़वी, शजीह अब्बास, ज़ामिन हसन आदि शामिल रहे। यह जानकारी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने दी।

