जनसंख्या असंतुलन देश के लिए बड़ा खतराः दत्तात्रेय होसबोले
कार्यकारी मंडल की बैठक में धर्मांतरण इसके लिए बने कानूनों पर भी हुई चर्चा
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). प्रयागराज में आयोजित आरएसएस की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में भाग लेने पहुंचे संघ कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने देश की बढ़ती जनसंख्या पर खासी चिंता जाहिर की है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, देश में जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है। अगर जनसंख्या पर रोक नहीं लगी तो हर जगह पर परेशानी खड़ी होगी। फिर वो चाहे रोजगार का मसला हो या फिर सभी को दो वक्त रोटी और एक छत मुहैया कराने की बात हो।
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जनसंख्या असंतुलन से पूरा राष्ट्र प्रभावित होगा। इसलिए जनसंख्या पर संतुलन रखने के लिए एक नीति बननी चाहिए। कहा, जनसंख्या असंतुलन के पीछे मतांतरण और घुसपैठ भी एक अहम कारण है। इस पर रोक लगाने केलिए कठोर कानून की जरूरत है। राष्ट्रीय स्वयं संघ भी इस दिशा में प्रयासरत है। लोगों को जनसंख्या असंतुलन से उत्पन्न होने वाले खतरों से आगाह कर रहा है।
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2024 तक गांव-गांव पहुंचेगी शाखाः संघ की इस बैठक में कई नये प्रांतों के लोग भी शामिल हुए। संघ कार्यवाह होसबोले ने बताया कि बैठक में धर्मांतरण पर भी चर्चा की गई और इस पर बने कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। उन्होंने बताया की डेढ़ साल में देश में संघ की शाखाओं में इजाफा हुआ है, जिसमें 3 हज़ार सदस्य बने हैं। उन्होंने बताया कि 2024 तक देश के हर मंडल के गांव-गांव तकपहुंचने का लक्ष्य निर्धारितकिया गया है। गांवों से पलायन रोकने पर भी संघ ने योजना बनाई है, जिस पर प्रभावी तरीके से अमल किया जाएगा।
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मोहन भागवत ने भी लिया हिस्साः प्रयागराज में 16 अक्टूबर से चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्यकारी मंडल की बैठक आज खत्म हो गई। चार दिनों तक चली इस बैठक में 45 प्रांत के आरएसएस से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया। संघ प्रमुख आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबोले की अगुवाई में देश के तमाम प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।