मनोहर दास नेत्र चिकित्सालयः आज, 130 बरस का हो गया हूं मैं
प्रयागराज (मकबूल अहमद अंसारी). पूरा शरीर स्वस्थ हो और आंखें न हों तो पूरी दुनिया वीरान ही नजर आती है। यह दुनिया कितनी रंगीन है, यह हमें आंखों से ही पता चलता है। इंसान के शरीर में आंख का महत्वपूर्ण स्थान होता है। और, इसी आंख की सलामती बनाए रखने के लिए 130 बरस पहले पुराने शहर में एक हास्पिटल ने जन्म लिया था। इस हास्पिटल का नाम मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय (Manohar Das Eye Hospital) है। 16 नवंबर, 1892 को लाला मनोहर दास द्वारा इस हास्पिटल (Manohar Das Eye Hospital) की नींव रखी गई। तब से लेकर इस हास्पिटल ने अनगिनत सर्दी-गर्मी और बरसात का सामना किया। और, आज भी यह प्रयागराजवासियों समेत आसपास के जनपदों के लोगों की दुनिया को रंगीन बना रहा है।
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आज, 130 बरस का हो चुका शहर का एमडीआई हास्पिटल लोगों को नेत्र ज्योति प्रदान कर मानव सेवा की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। यहां के डाक्टरों की टीम पूरी सेवा भावना के साथ नेत्र रोगियों के जीवन में उजियारा भरने का काम कर रही है। मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय (Manohar Das Eye Hospital) में पूरी तरह से नेत्रहीन हो चुके लोगों की जिंदगी में भी रंग भरने का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में यहां कुल 72 लोगों को आँखों की रोशनी प्रदान की गई थी। जबकि 2017-18 में 46, 2018-19 में 82, 2019-20 में 22 और 2020-21 में 10 लोगों को नेत्र ज्योति दी गई। इसके अलावा चालू सत्र में भी दो दर्जन से अधिक लोगों की आंखों में कार्निया का प्रत्यारोपण किया जा चुका है।
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आज, इस हास्पिटल में आसपास के जिलों के अलावा पूरे प्रदेश से लोग निशुल्क इलाज (free treatment) के लिए आते हैं। बीते वर्षों में यहां आने वाले कुछ नेत्र रोगियों को रेफर कर दिया जाता था, लेकिन अब नेत्र रोगियों की सारी सुविधा, सहूलियतें यहीं पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। मोबाइल यूनिट (ग्रामीण कैंप) इंचार्ज डा. मुनींद्र कुमार (Dr. Munindra Kumar) ने बताया कि सरकार द्वारा निशुल्क शिविर के जरिए रोगियों को परामर्श एवं आंखों की सर्जरी (मोतियाबिंद) भी की जा रही है। इस चिकित्सालय में ही अपना रिकार्ड तोड़ने वाले मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल, मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय के निदेशक एवं प्रो. डा. एसपी सिंह (Director Dr. SP Singh) और उनकी टीम ने 12 घंटे में 250 मरीजों के मोतियाबिंद का आपरेशन कर नया रिकार्ड बनाया है।
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इस हास्पिटल में आज की तारीख में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज आंख का इलाज करवाने के लिए आते हैं। इसी हास्पिटल से सेवानिवृत्त होने के बाद श्रीश श्रीवास्तव रोटरी क्लब इलाहाबाद से जुड़कर नेत्र शिविरों का आयोजन कर लोगों के जीवन को खुशियों से भर रहे हैं। एमडीआई हास्पिटल के 130 वर्ष पूरे होने पर इलाहाबाद उपभोक्त फोरम के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद अहमद अंसारी, एडवोकेट संजय सिंह, विनीत धवन, क्रिकेट कोच एवं फिटनेस ट्रेनर मोहम्मद शहनवाज अंसारी, प्रखर श्रीवास्तव, गंगा सागर (राजू), एमडीआई से रिटायर हो चुके मोहन वर्मा, श्रीश श्रीवास्तव आदि ने वर्षगांठ के मौके पर हास्पिटल के समस्त डाक्टरों व स्टाफ को बधाई दी है। मकबूल अहमद अंसारी कहते हैं, यह हास्पिटल प्रयागराज की शान है। जो, प्रयागराज का नाम पिछले एक शताब्दी से अधिक समय से रोशन कर रहा है।
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निदेशक डा. एसपी सिंह (Director Dr. SP Singh) और उनकी टीम ने 2009 में अपना ही रिकार्ड ब्रेक किया। उस समय डा. एसपी सिंह ने 198 मरीजों का लगातार आपरेशन किया था। निदेशक और वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा. एसपी सिंह ने एमडीआई की वर्षगांठ पर समस्त चिकित्सकों और स्टाफ को बधाई दी। साथ ही लोगों से नेत्रदान की अपील की। कहा कि नेत्रदान महादान है। इसके लिए लोगों को अपने जीवन काल में संकल्प पत्र भरना होता है। और, मृत्यु के उपरांत आंख से कार्निया प्राप्त कर लिया जाता है। कोई भी वयस्क नेत्रदान कर सकता है। इसके लिए प्रयागराज में आई बैंक 24 घंटे सक्रिय है। निदेशक ने बताया कि आईबैंक के टेलीफोन नंबर +91-9807477789 पर कभी भी संपर्क किया जा सकता है।