The live ink desk. भारत रत्न (Bharat Ratna) देश का वह सर्वोच्च सम्मान है, जिसे राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान, उद्यम, लेखन और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय (विशिष्ट) योगदान के लिए दिया जाता है। देश में भारत रत्न सम्मान देने की परंपरा दो जनवरी, 1954 को शुरु हुई थी। 1954 तक ऐसी व्यवस्था थी कि यह सर्वोच्च सम्मान सिर्फ जीवित लोगों को ही दिया जाता था। बाद में साल 1955 में इसके नियमों में बदलाव कर इसे मरणोपरांत भी दिया जाने लगा।
हर साल दिए जा सकते हैं तीन भारत रत्न
देश में अलग-अलग क्षेत्रों में दिए जाने वाले पुरस्कारों की तरह भारत रत्न (Bharat Ratna) का चुनाव भारत सरकार के द्वारा किया जाता है। देश का प्रधानमंत्री किसी के भी नाम की सिफारिश कर सकता है। यह सिफारिश राष्ट्रपति से की जाती है। भारत रत्न का सम्मान प्रत्येक वर्ष दिया जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। फिर भी भारत सरकार की तरफ से साल में अधिकतम तीन भारत रत्न सम्मान दिया जा सकता है। हालांकि, 2024 के चुनावी साल में कुल पांच लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है।
पीपल के पत्ते के आकार का होता है मेडल
जिस किसी को भी सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) दिया जाता है, उसे तमाम तरह की सुविधाएं भी भारत सरकार की तरफ से दी जाती हैं। जबकि भारत रत्न में दिए जाने वाले मेडल की बात करें तो यह मेडल पीपल के पत्ते के आकार लिए होता है। यह तांबे का बना होता है। इसी पत्ते पर प्लेटिनम का सूर्य उकेरा रहता है। तांबे से बने पीपल केपत्ते की आकृति का किनारा भी प्लेटिनम का होता है। चमकते हुए सूर्य़ के ठीक नीचे देवनागरी लिपि में ‘भारत रत्न’ लिखा होता है। जबकि पत्ते के पृष्ठ भाग पर अशोक स्तंभ का चिन्ह होता है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है।
1954 में हुई भारत रत्न देने की शुरुआत
तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (President Rajendra Prasad) ने कार्यकाल में शुरु किए गए इस सम्मान को पहली दफा तीन लोगों को दिया गया। आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. चंद्रशेखर वेंकटरमन को 1954 में भारत रत्न से सुशोभित किया गया। बीते एक दशक की बात करें तो साल 2014 से 2014 तक नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार में दस लोगों को भारत रत्न दिया जा चुका है।
यूपी से दर्जनभर लोगों को मिला भारत रत्न
नौ फरवरी, 2024 को भारत सरकार द्वारा तीन लोगों (पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और डा.एमएस स्वामीनाथन) को भारत रत्न देने की घोषणा के साथ यूपी में कुल 12 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है। यूपी से प्रधानमंत्री बनने वालों की सूची में भारत रत्न पाने वालों में चौधरी चरण सिंह छठवें नेता हैं। उत्तर प्रदेश से अभी तक पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, पंडित मदन मोहन मालवीय, शहनाही वादक उत्साद बिस्मिल्लाह खान, पंडित रविशंकर, पुरुषोत्तम दास टंडन और गोविंद बल्लभ पंत का नाम शामिल है।