The live ink desk. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया (Madhavi Raje Scindia) का बुधवार को निधन हो गया। पिछले तीन माह से उनका इलाज एम्स (AIIMS) दिल्ली में चल रहा था। ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार से थीं।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की मां माधवी राजे सिंधिया निमोनिया और सेप्सिस से पीड़ित थीं। पिछले तीन माहसे उनका इलाज चल रहा था। वह दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। बुधवार को सुबह 9:28 बजे उन्होंने दिल्ली एम्स में ही अंतिम सांस ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांके निधन की खबर जैसे ही फैली, शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।
दिल्ली में निधन के बाद माधवी राजे सिंधिया के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर ले जाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी पत्नी व बेटा चुनावी प्रचार में पिछले एक माह से गुना, अशोक नगर और शिवपुरी में ही थे। केंद्रीय मंत्री Jyotiraditya Scindia लगातार अपनी मां माधवी राजे सिंधिया की तबीयत में उतार-चढ़ाव की सूचना ले रहे थे।
केंद्रीय मंत्री की मां माधवी सिंधिया (Madhavi Raje Scindia) एक शाही परिवार से आती थी। उनके मायके का भी गौरवशाली इतिहास रहा है। ग्वालियर स्टेट की राजमाता माधवी राजे सिंधिया के दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। माधवी राजे सिंधिया को प्रिंसेज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी जाना जाता है। आठ मई, 1966 में ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया से नेपाल के शाही घराने की राजकुमारी माधवी का विवाह हुआ था।
गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) कांग्रेस के ताकतवर नेताओं में गिने जाते थे। 30 सितंबर, 2001 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के नजदीक एक विमान हादसे में कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया का निधन हो गया था।
माधवी राजे सिंधिया चैरिटी के काम में सक्रिय रहती थीं। वह 24 धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष भी थीं, जो शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र कार्य कर रहे हैं। वह सिंधियास कन्या विद्यालय के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की अध्यक्ष भी थीं। उन्होंने अपने दिवंगत पति माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) की याद में महल संग्रहालय में गैलरी भी बनाई। माधवी राजे सिंधिया की सास विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में से एक रही हैं।