भदोही (संजय सिंह). इलाज में खर्च की गई रकम का क्लेम नहीं देने पर स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक पर 30,000 जुर्माना लगाते हुए उपभोक्ता आयोग ने आदेश दिया है कि दो माह के अंदर बीमा क्लेम की धनराशि 1,03,371 रुपये, 6 सितंबर, 2022 से निर्णय की तिथि तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज अदा किया जाए।
आदेश का अनुपालननहीं करने पर इंश्योरेंस कंपनी को आदेश की तिथि से 12% वार्षिक साधारण ब्याज देना होगा। जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने बताया कि परिवादी जयप्रकाश दुबे पुत्र कमला शंकर दुबे (निवासी धौरहरा, भदोही) ने 16 मई, 2023 को स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी शाखा वाराणसी, प्रधान प्रबंधक चेन्नई और एजेंट मोहम्मद खालिद अंसारी को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
परिवादी का कहना था कि इंश्योरेंस क्लेम देने में कंपनी द्वारा आनाकानी की जा रही है। परिवादी लगातार बीमा पालिसी का नियमोंके मुताबिक प्रीमियम जमा किया और कभी कोई क्लेम भी नहीं लिया। तीसरी बार प्रीमियम के रूप में ₹21789 रुपये अदा किया। यह पॉलिसी सात जून, 2022 से छह जून 2023 तक प्रभावी थी।
इसी दरम्यान तबियत खराब होने पर परिवादी ने जांच और इलाज करवाया, जिसमें आपरेशन भी किया गया। इसका भुगतान परिवादी ने 1,03,371 रुपये किया। क्लेम के लिए आवेदन करने पर कंपनी ने उसका क्लेम खारिज कर दिया।
उपभोक्ता अदालत के द्वारा स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी सहित सभी पक्षकारों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में निहित शक्ति और प्रावधानों के तहत नोटिस जारी की गई। जिसमें विपक्षी एक और दो की ओर से उनके पैनल अधिवक्ता के द्वारा जवाब दाखिल किया गया। जबकि विपक्षी संख्या तीन अधिकृत एजेंट नोटिस देने के बावजूद न तो हाजिर हुए और न ही जवाब दाखिल किया।
विपक्षी की ओर से बीमा कंपनी के डिवीजनल मैनेजर शिवकुमार का शपथ पत्र दाखिल किया गया। साक्ष्यों व बहस के आधार पर उपभोक्ता आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि विपक्षी स्टार हेल्थ एंड एलईडी इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के द्वारा परिवादी को दवा, इलाज, ऑपरेशन में आए हुए खर्च का भुगतान नहीं किया और बीमा क्लेम को छह सितंबर, 2022 में खारिज कर दिया।
उपभोक्ता अदालत के न्यायाधीश अध्यक्ष संजय कुमार डे और महिला सदस्य दीप्ति श्रीवास्तव की पीठ ने परिवादी के वाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी संख्या एक व दो, जो कि स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के अधिकृत शाखा प्रबंधक और प्रधान प्रबंधक हैं, के विरुद्ध स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया कि बीमा क्लेम की धनराशि 1,03,371 रुपये, 6% वार्षिक साधारण ब्याज, सेवा में कमी के लिए ₹25000 और मुकदमा खर्च के ₹5000 परिवादी को दिए जाएं।