The live ink desk. सहारा (Sahara) में निवेश करने वालों को अब तक 362.91 करोड़ रुपये की धनराशि लौटाई जा चुकी है। रुपया वापस पाने वाले इन निवेशकों की संख्या 4.2 लाख से अधिक है। निवेशकों को उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में 18 जुलाई, 2023 को एक ऑनलाइन पोर्टल “सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल” https://mocrefund.crcs.gov.in/depositor/#/home शुरुआत की गई, ताकि असली दावेदारों को रिफंड किया जा सके।
यह जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक सवाल का जबाव देते हुए लिखित रूप में दी। गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 17 जुलाई तक कुल 362.91 करोड़ रुपये (4,20,417 निवेशकों को) लौटाए जा चुके हैं। शाह ने कहा, इस व्यवस्था को शुरू करने का उद्देश्य वैध निवेशकों को उनका धन फिर से प्राप्त करने में सहायता करना है।
अपने जवाब में शाह ने कहा कि, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश, दिनांक 29 मार्च, 2023 के अनुपालन में सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों के असल जमाकर्ताओं द्वारा दावा प्रस्तुत करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल “सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल” https://mocrefund.crcs.gov.in/depositor/#/home शुरूआत की गई है, ताकि दावेदारों को रिफंड मिल सके।
यह चार सहकारी समितियां – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड ( भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद) हैं। आनलाइन आवेदन और भुगतान की पूरी प्रक्रिय डिजिटल है और सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल की सहायता से संपन्न की जा रही है।
यह भुगतान असल जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे किया जा रहा है। वर्तमान में सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रत्येक असल जमाकर्ता को आधार से जुड़े बैंक खाते के जरिए सत्यापित दावों पर केवल 10,000/- रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है।