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इलाहाबाद लोकसभाः पहले चुनाव में सपा को मिले थे 2,21,942 वोट, तीसरे प्रयास में कुंवर ने खोला था खाता

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). साल था 1996 का और मौका था आम चुनाव का। यह वो समय था, जब इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस अपने सबसे बुरे दिन देख रही थी। 1996 से पहले इलाहाबाद लोकसभा सीट से नौ बार चुनाव जीत चुकी कांग्रेस, इस चुनाव में चौथे नंबर पर पहुंच चुकी थी और उसे सिर्फ 30007 वोट मिले थे। 1996 में कांग्रेस से ज्यादा मजबूत स्थिति में बहुजन समाज पार्टी थी। बसपा प्रत्याशी को भी तीसरे स्थान पर 1,02,352 मत प्राप्त हुए थे।

खैर, इसके बाद साल 1998 में ही फिर से आम चुनाव हुए। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना डेब्यू किया। मतलब, इलाहाबाद लोकसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा। 1998 के आम चुनाव में इलाहाबाद सीट से पहली दफा चुनाव लडने वाली सपा ने बसपा, कांग्रेस, जनता को पीछे छोड़ते हुए दमदार उपस्थिति दिखाई और अपने पहले ही चुनाव में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई।

1998 के चुनाव में जीत जरूर भाजपा प्रत्याशी डा. मुरली मनोहर जोशी को मिली थी, पर सपा प्रत्याशी श्यामाचरण गुप्ता ने 2,21,942 ने वोट हासिल करके विपक्षी दलों की हवा टाइट कर दी थी। हालांकि, इस समय समाजवादी पार्टी सफलता की सीढियां चढ़ रही थी और देश की जनता कांग्रेस की नीतियों से परेशान थी।

ठीक एक साल बाद यानी 1999 में फिर से देशभर में आम चुनाव हुए। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने श्यामाचरण गुप्ता से इतर, इलाहाबाद के कद्दावर नेता कुंवर रेवतीरमण सिंह (Revathiraman Singh) पर दांव लगाया। इस चुनाव में भी सपा दूसरे नंबर पर बनी रही। हालांकि, श्यामाचरण गुप्ता की अपेक्षा कुंवर रेवतीरमण सिंह को लगभग 11 फीसद कम वोट मिले थे।

इसके पश्चात साल 2004 में फिर से आम चुनाव का समय आया और इलाहाबाद लोकसभा सीट से हैट्रिक लगा चुकी भाजपा और डा. मुरलीमनोहर जोशी के विजयरथ को सपा प्रत्याशी कुंवर रेवतीरमण सिंह (Revathiraman Singh) ने रोक दिया। इस इलेक्शन में सपा प्रत्याशी कुंवर रेवतीरमण सिंह ने 2,34,008 वोट पाकर जीत हासिल की।

2004 के चुनाव में सपा को कुल मतदान का 35.64 फीसद वोट हासिल हुआ था। जबकि जीत की हैट्रिक लगा चुके जोशी महज 22 फीसदी वोट (1,48,783 मत) पर सिमट गए थे। तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी आरके सिंह पटेल को 1,11,576 वोट मिले थे। कांग्रेस से सत्यप्रकाश मालवीय को महज 6.18 फीसद वोट हासिल हुए थे।

इसके पश्चात साल 2009 के चुनाव में भी कुंवर रेवतीरमण सिंह का दबदबा कायम रहा और उन्होंने इलाहाबाद सीट से लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया। इस चुनाव में बसपा को बढ़त और भाजपा को नुकसान हुआ था और भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी, जबकि बसपा दूसरे पर थी। कांग्रेस से श्यामकृष्ण पांडेय चौथे स्थान पर थे।

2024 के चुनाव में इंडी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस से कुंवर उज्ज्वल रमण सिंह चुनाव मैदान में हैं। वह दो बार लोकसभा सांसद, आठ दफा विधायक और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुके कुंवर रेवतीरमण सिंह (Revathiraman Singh) के पुत्र हैं और सपा की सरकार में विधायक व मंत्री भी रह चुके हैं। सपा सुप्रीमो रहे स्व. मुलायम सिंह के अतिकरीबी रेवतीरमण सिंह की गिनती सपा के कद्दावर नेताओं में की जाती है। इससे इतर, इलाहाबाद सीट से भाजपा ने भाजपा के कद्दावर नेता स्व. केशरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है।

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