95 करोड़ की अष्टधातु की मूर्तियां बरामद, बांदा से 15 साल पहले हुई थी चोरी
बरामद मूर्तियां की उम्र 500 वर्ष से अधिक, दस तस्कर गिरफ्तार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). बांदा जनपद (Banda District) से 15 बरस पहले चुराई गई अष्टधातु की दो मूर्तियों (two statues of ashtadhatu) को बरामद किया गया है। इनका वजन 108 किलो और अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में इसकी कीमत 95 करोड़ रुपये (Rs 95 crore) आंकी गई है। बरामद एक मूर्ति भगवान कृष्ण की है। इन मूर्तियों को बांदा से चोरी करने के बाद बांदा के ही बबेरू थाना क्षेत्र के अछाह गांव में जमीन में गाड़कर छिपा दिया गया था। मूर्ति चोरों ने बाद में निकालकर बेचने का प्लान बनाया था, लेकिन मौका नहीं मिला। इस दौरान दो चोरों की मौत हो गई, जबकि एक अभी भी जीवित है। बरामद मूर्तियों की उम्र 500 वर्ष से अधिक (age more than 500 years) बताई जा रही है।
कौशांबी के महेवाघाट पुलिस (Mahevaghat Police of Kaushambi) के हत्थे चढ़े एक तस्कर ने बताया कि उसने तीन साल पहले इन मूर्तियों को खोजा और बेचने की कोशिश शुरू की। इस दौरान मूर्ति की जांच के दौरान एक मूर्ति को चार टुकड़े में काट भी दिया गया।
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उक्त घटना का खुलासा करते हुए एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि अष्टधातु की मूर्तियां 15 साल पहले बांदा के एक मंदिर से चुराई गई थीं। इन्हें वहां से कुछ दूर एक गांव में छोटे से मंदिर के बगल में जमीन में गाड़ दिया गया था। इन मूर्तियों को केरल के एक व्यापारी को 50 करोड़ में बेचने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान गश्त पर रही महेवाघाट पुलिस ने दबोच लिया। एसपी ने बताया कि मूर्ति चोरी और तस्करी में कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही दो लोग फरार हो गए हैं। तस्कर रामकिशोर ने पुलिस को बताया कि उसने 15 साल पहले फुफेरे भाई चंद्रिका विश्वकर्मा और राजू पटेल के साथ मिलकर मूर्ति चोरी की थी। इसके बाद उसे राजू पटेल के गांव पहुंचकर एक मंदिर के समीप जमीन में गाड़ दिया था।
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जिस वक्त मूर्ति को गाड़ा गया था, उस समय रात का वक्त था, इसलिए बाद में उक्त लोग स्थान भूल गए और मूर्ति को खोजने में इतना लंबा समय लग गया। इसी दौरान राजू पटेल और चंद्रिका की मौत हो गई।
इसके बाद रामकिशोर ने मूर्तियों की खोज शुरू की। मूर्ति बरामद होने के बाद इस गिरोह ने केरल के एक खरीदार से संपर्क किया था। गुरुवार की रात में सभी लोग मूर्ति बेचने केलिए निकले थे, इसी बीच यमुना पुल के समीप पुलिस की निगाह में गए। पुलिस के हत्थे चढ़े तस्कर कौशांबी, चित्रकूट, फतेहपुर और बांदा जनपद के रहने वाले हैं।
महेवाघाट पुलिस की गिरफ्त में आए तस्करः उस्मान उल्ला उर्फ चांदबाबू (निवासी नयानगर, मंझनपुर), रामकिशोर विश्वकर्मा (निवासी रानीपुर, कमासिन बांदा), मुसद्दर विश्वकर्मा (निवासी गौहानी, मजरा भुजौली, राजापुर, चित्रकूट), ननका (निवासी नादिन कुर्मियान, राजापुर, चित्रकूट), नीरज विश्वकर्मा (निवासी पहाड़ी रोड, पावर हाउस के सामने, कर्वी, चित्रकूट), रामप्रसाद विश्वकर्मा (निवासी कर्वी, चित्रकूट), जीतेंद्र कुमार (निवासी बिसारा रेवारी, कोखराज, कौशांबी), बाबूजी सोनकर (निवासी कारखाना राजापुर, चित्रकूट), संतोष कुमार पटेल (निवासी बदबदापार पइंसा, कौशांबी) और विपिन शुक्ला (निवासी लौगांवा, महेवाघाट)।