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बसपा सांसद अफजाल के राजनैतिक करियर पर लगा विरामः लोकसभा की सदस्यता गई

गाजीपुर (the live ink desk). गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के मामले में चार साल की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने का अर्थदंड पाने वाले बसपा सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। लोकसभा सचिवालय ने एक मई को इस आशय की विज्ञप्ति जारी कर दी है। अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को यह सजा 29 अप्रैल, 2023 को ही सुनाई गई थी। लोकसभा की सूचना अनुसार गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को उनकी सजा की तारीख 29 अप्रैल से ही सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जाता है। अफजाल अंसारी पर यह कार्रवाई लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के साथ भारत के संविधानके अनुच्छेद 102(1)(ई) के संदर्भ में की गई है।

अफजाल अंसारी ने अपना सियासी सफर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से शुरू किया था। वह साल 1985 में पहली बार मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। वह छह बार के विधायक और दो दफा सांसद (2004 और 2019) भी चुने गए। इस दौरान अफजाल अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी में एक लंबा वक्त गुजारा। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी, फिर कौमी एकता दल और फिर से सपा से होते हुए बसपा का दामन थामकर राजनैतिक सफर जारी रखा। बीते आम चुनाव में अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को पराजित किया था।

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अफजाल अंसारी को जिस प्रकरण में सजा सुनाई गई है, वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण से जुड़ा मामला है। दोनों मामलों में दर्ज एफआईआर के आधार पर अफजाल अंसारी के साथ-साथ उनके भाई मुख्तार अंसारी के भी खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था।

कृष्णानंद राय हत्याकांड कृष्णनंद राय हत्याकांड का मामला 29 नवंबर, 2005 का है। गाजीपुर जनपद के भांवरकोल थाना क्षेत्र में सियाड़ी गांव के नजदीक आयोजित एक क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे भाजपा विधायक कृष्णानंद राय (BJP MLA Krishnanand Rai) और उनके साथ रहे आधा दर्जन से अधिक लोगों पर एके-47 (AK-47) जैसे अत्याधुनिक असलहों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। इस घटना में कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। भाजपा विधायक पर हुए हमले की सूचना के बाद विधायक के समर्थक उग्र हो गए और इसके बाद हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई थीं।

हिंसा की यह आंच बलिया से लेकर मऊ, गाजीपुर और बनारस तक देखने को मिली थी। काबिलेगौर है कि अंसारी बंधुओं के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को ही हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी। जबकि दूसरा मामला नंदकिशोर रूंगटा का है। आरोपित है कि रूंगटा का उनके घर से अपहरण कर लिया गया और फिर उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपहरण के बाद पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई थी, इसके बाद परिजनों ने डेढ़ करोड़ रुपये फिरौती के दे दिए थे, बावजूद इसके उनकी हत्या कर दी गयी थी।

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