Flood in Sikkim: ट्रैकर डाग्स, माउंटेन रेस्क्यू टीम और विशेष राडार की ली जा रही मदद
The live ink desk. पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में बीते दिनों तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आए सैलाब (भीषण बाढ़) और तूफान से मरने वालों की संख्या 18 हो गई है। सेना और एनडीआरएफ की टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी है। तीस्ता बेसिन के सैलाब की चपेट में आने से कई पुल टूट गए और रिहायशी एरिया में भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव बीबी पाठक ने कहा कि बुधवार तड़के उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से भीषण बारिश हुई, जिससे अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। बीबी पाठक ने बताया कि जिन 18 लोगों की मौत हुई है, उनमें चार चार सेना के जवान हैं। राहत और बचाव कार्यों में जुटे कर्मी पीड़ित लोगों की मदद के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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फिलहाल, उत्तरी सिक्किम में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। लोगों की मदद के लिए 25 राहत शिविर बनाए गए हैं। इस मामले में सिक्किम सरकार ने कहा है कि पहले ही भारी बरसात के कारण नदियां उफान पर थी, लेकिन ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने के कारण इसका पानी नीचे नदियों में पहुंच गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। इसके कारण कई घर, पुल और सड़क बह गई। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के 22 जवान समेत 100 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू (TMR), ट्रैकर डाग्स, विशेष राडार का भी प्रयोग किया जा रहा है।