पूर्वांचलराज्य

भक्ति करनी हो तो भक्त प्रह्लाद जैसी करोः आचार्य रविकृष्ण

भदोही. ऊंज क्षेत्र के रइयापुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य रवि कृष्ण महराज ने प्रह्लाद चरित्र, समुद्र मंथन, श्रीकृष्ण अवतार समेत कई अन्य प्रसंगों की कथा का मार्मिक वर्णन किया। आचार्य रवि कृष्णमहाराज ने कहा, जब-जब धर्म पर विपत्ति आई है, भगवान ने किसी न किसी रूप में अवतार लिया है।

कहा कि भक्ति, ज्ञान, बैराग्य, परम तत्व प्राप्त करने के लिए श्रीमद् भागवत कथा है। भागवत कथा सही मार्ग दिखाता है। भक्ति करनी है तो भक्त प्रह्लाद जैसी करो। भक्त प्रह्लाद के लिए भगवान को अवतार लेकर हिरण्याकश्यप का वध करना पड़ा। आचार्य ने कहा कि यदि भक्ति सच्चे भाव से की जाए तो भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं।

भगवान कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस ने सभी मर्यादाओं को तोड़ दिया तो भगवान को अवतार लेना पड़ा। भगवान के जन्म के बाद जेल के ताले टूट गए और वासुदेव-देवकी बंधन से मुक्त हो गए। यह प्रभु की कृपा से ही संभव है। भागवत कथा में वह सारे तत्व हैं, जिसके श्रवण से भक्त का कल्याण हो सकता है। भगवान श्रीकृष्ण से हमें संस्कार की सीख लेनी चाहिए। भक्ति पूरे समर्पण भाव  से करनी चाहिए, निष्काम भाव से ईश्वर की भक्ति करने में ही सभी का हित निहित है।

भागवद् के प्रति सच्ची निष्ठा, श्रद्धा होनी चाहिए। कथा श्रवण करके इसे अपने जीवन में उतारें, तभी बिहारीजी की कृपा होगी। कथा में आरती हुई और प्रसाद वितरित किया गया। इस मौक़े पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय, ग्राम प्रधान विनोद मिश्र, वंशराज तिवारी, अशोक कुमार, दीपक कुमार, शैलेष तिवारी, धीरेंद्र तिवारी, संतोष मिश्र, अजय तिवारी, विपिन मिश्र, श्यामजी, योगेंद्र पांडेय, प्रेमनाथ मिश्र मौजूद रहे।

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