व्यापारियों ने बिगाड़ी कोरांव कस्बे की सूरत, हर वक्त थमा रहता है ट्रैफिक
प्रयागराज (राहुल सिंह). रात में खाली रहनेवाली सड़कें अक्सर दिन में जाम क्यों मिलती हैं, शायद ही इस पर किसी का ध्यान जाता हो। और, अगर ध्यान जाता भी है तो लोग उस तरफ ध्यान नहीं देना चाहते। कोरांव, यमुनापार का एक ऐसा कस्बा है जो दिन में लगभग जाम ही रहता है। कस्बे से होकर गुजरने का मतलब जाम में फंसना तय है।
इस जाम का कारण एकमात्र डग्गामार वाहनों और स्थानीय दुकानदारों के द्वारा सड़क पर कब्जा करना है। स्थानीय दुकानदार अपनी दुकान अपने दायरे में न लगाकर सड़क किनारे बनाई गई नाली और पटरी को क्रास करते हुए सड़क तक फैला लेते हैं। उसके बाद दुकान पर आने वाले लोग अपना वाहन सड़क पर पार्क कर देते हैं। बस, हो गया जाम का पूरा इंतजाम।
कोरांव कस्बे में यह स्थिति लगभग हर वक्त बनी रहती है। एक हिस्सा खाली मिलता है तो दूसरा जाम। कस्बे के मोतीनगर, नहर कोरांव, गोपाल विद्यालय, स्टेट बैंक के पास, कोरांव-मांडा रोड, ब्लाक रोड पर मनमानी वाहन पार्किंग भी इस समस्या का प्रमुख कारण है, जिससे जाम लगता है।
शासन- प्रशासन के बार-बार हिदायत के बावजूद न तो स्थानीय व्यापारी समझने और सुधरने को तैयार हैं और न ही डग्गामार वाहन चालक। पुलिस व तहसील प्रशासन के द्वारा बीच-बीच में लोगों से दुकान अपनी परिधि में ही लगाने की अपील की जाती है, पर दुकानदार किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं।