माघ मेला 2022-23: हरिश्चंद्र मार्ग पर अतिरिक्त पांटून पुल की मांग, कम की जाएगी संस्थाओं की जमीन
कटान के कारण जमीन कम पड़ने पर संस्थाओं का क्रम से विस्थापन करने का सुझाव, प्रत्येक सेक्टर में रोडवेज व रेलवे का टाइम टेबल लगाने का निर्देश
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बुधवार को माघ मेले की तैयारियों की समीक्षा की। मेला प्राधिकरण कार्यालय के आई ट्रिपल सी सभागार में माघ मेला सलाहकार समिति की बैठक में मेला बसाने के दौरान आने वाली समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। गंगा नदी में कटान के कारण बसावट क्षेत्र में कमी आने पर सदस्यों ने आवश्यकता पड़ने पर संस्थानों की जमीनों को बराबर अनुपात में कम करने, विस्थापन की आवश्यकता पड़ने पर संस्थाओं का क्रम से विस्थापन करने का सुझाव दिया गया। इसके अतिरिक्त कटान को देखते हुए घाट वाले क्षेत्रों में कम से कम 200 फुट का सर्कुलेटिंग एरिया छोड़ने पर भी चर्चा की गई।
इसी क्रम में जिन संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा राजकीय सामानों की वापसी नहीं की गई है, उनकी सूची तैयार कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए, साथ ही मेला क्षेत्र के अंदर सिर्फ धार्मिक विज्ञापनों लगाने, निषिद्ध गतिविधियों, क्रियाकलापों एवं निषिद्ध वस्तुओं जैसे मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन वर्जित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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बैठक में मेला क्षेत्र में साफ-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था एवं हर सेक्टर में पर्याप्त मात्रा में शौचालयों की व्यवस्था पर भी विस्तार से चर्चा की गई। जिस पर कई साधु महात्माओं द्वारा कनात शौचालयों की क्वालिटी मानक के अनुरूप न होने की बात कही गई, जिस पर मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को शौचालयों की क्वालिटी बनाए रखने का निर्देश दिया गया। स्नान घाटों पर भी उचित दूरी पर ही शौचालय बनाने के सुझाव दिए गए, जिससे कि घाटों को गंदा होने से रोका जा सके।
बैठक में कुछ महात्माओं द्वारा हरिश्चद्र मार्ग पर एक अतिरिक्त पांटून पुल बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया, जिस पर कमिश्नर ने मांग पर आकलन करने का निर्देश दिया। गाटा मार्गों पर वाहनों को ले जाने मे समस्या न हो, इसके लिए हर गाटा मार्ग को और चौड़ा बनाने, जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया। कई साधु-महात्माओं द्वारा मेला क्षेत्र में लगाए जा रहे आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्रों द्वारा अपेक्षित कार्य न किए जाने की भी शिकायत आई, जिसके दृष्टिगत सर्वे कराने के भी सुझाव दिए गए।
13 थानों और 38 चौकियों के हवाले होगी सुरक्षाः तीर्थ यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत हर सेक्टर के बाहर रोडवेज एवं रेलवे का टाइम टेबल लगाने का भी सुझाव दिया गया। इस वर्ष मेला क्षेत्र में 13 थाने एवं 38 चौकियों की व्यवस्था की गई है। ट्रैफिक, पार्किंग एवं आपातकालीन स्थिति के लिए हर वर्ष की तरह इस बार भी विभिन्न प्लान बनाए गए हैं। बैठक में नदियों की पानी की स्वच्छता एवं मेला क्षेत्र के गंगा -यमुना नदी में सीधे मिलने वाले नालों के पानी का शोधन के पश्चात ही नदियों में छोड़े जाने का निर्देश दिया गया।