बारा तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की हिम्मत दे रही जवाब
धान तौल में अनियमितता का आरोप लगाते हुए चार दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). धान तौल में मनमानी, बायोमैट्रिक फिंगर में अनियमितता समेत कई समस्या से जूझ रहे किसान पिछले चार दिन से बारा तहसील मुख्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शुरुआत के एक-दो दिन आराम से निकल गए, लेकिन तीसरे दिन से किसानों की हिम्मत जवाब देने लगी है। बदलते मौसम में कई किसान अब भूख हड़ताल पर बैठ भी नहीं पा रहे हैं, लिहाजा उन्हे धरना स्थल पर ही लेटा दिया गया है। भाकियू (भानू) की अगुवाई में हो रही भूख हड़ताल को लेकर किसानों का स्पष्ट रुख है कि जब तक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की जाती है, वह प्रदर्शन जारी रखेंगे।
धान बेचने के बाद भी अंगूठा न लगवाने और पैसे का भुगतान न होने से क्षुब्ध किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (भानू) के बैनर तले बारा तहसील मुख्यालय पर अनिश्चित कालीन अनशन एवं भूख हड़ताल शुरू की है। रविवार को भूख हड़ताल का चौथा दिन है। प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की हालत खराब हो गई है। सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा के अधीक्षक तरुण पाठक को तत्काल प्रभाव से टीम के साथ पहुंचकर किसानों का स्वास्थ्य की जांच का आदेश दिया।
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तहसील प्रशासन के कहने पर सीएचसी की टीम डा. पाठक की अगुवाई में तहसील मुख्यालय पहुंची और भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का ब्लड प्रेशर, शुगर एवं कुछ जांचें की गई और दवाएं भी उपलब्ध कराई गईं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही से आहत किसानों ने दी गई दवाओं को वापस कर दिया। किसानों का कहना है कि जब अपनी बेची गई फसल की कीमतें भी नहीं मिल रही हैं तो जीकर ही क्या करेंगे? मर जाना ही ठीक है।
फिलहाल किसानों का अल्टीमेटम सुनकर प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। किसानों को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। भाकियू (युवा मोर्चा) के जिला उपाध्यक्ष आशीषराज त्रिपाठी ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की जाती है, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी।