अवध

ईद-उल-फित्रः अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ मस्जिदों में अदा की गई नमाज़, बच्चों ने बांटी खुशियां

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). इस्लामिक ऐतेबार से एक माह के रमज़ान मुबारक जैसे खुदा द्वारा अपने बंदों को रहमत, मग़फिरत और निजात के तोहफे के खत्म होने पर ईद-उल-फित्र को अल्लाह का तोहफा करार देते हुए विभिन्न मस्जिदों में बंदों ने शुक्र का सजदा किया। सफेद कुर्ता, पायजामा और सिर पर टोपी लगाए लोग सुबह से ईदगाह व मस्जिदों में जुटने लगे। सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक मस्जिदों में अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ नमाज़ अदा की गई। बताते चलें कि शुक्रवार को ईद के चांद के दीदार होने के बाद से ही ईद की बधाई देने का सिलसिला चल निकला शनिवार को देर शाम तक बधाई संदेश लोगों को मिलते रहे।

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ईदगाह, चौक स्थित जामा मस्जिद, चक शिया जामा, मस्जिद रोशन बाग़ की शाह वसीउल्ला मस्जिद, दायरा शाह अजमल की खानकाह मस्जिद, करेली की अबुबकर मस्जिद, सिविल लाइंस धोबी घाट चौराहा की हरी मस्जिद, दायरे की मस्जिद नूर, अटाला की बड़ी मस्जिद, बैदन टोला की लतर वाली कंगूरे वाली और छोटी मस्जिद, करेली की बीबी खदीजा, इबादतखाना, बैतुस्सलात, फातेमा, मुसल्ला-ए-ज़ीशान, दरियाबाद की मस्जिद मौला अली, मस्जिद इमाम हुसैन, मस्जिद इमाम रज़ा, मस्जिद गदा हुसैन सहित शहर की सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में ओलमा ने नमाज़ अदा कराने के बाद खुतबे में ईद उल फित्र को अल्लाह की तरफा से तोहफा करार दिया।

नमाज़ के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी। कई मस्जिदों में मुस्तक़िल नमाज़ अदा करने आने वालों को तोहफा भी दिया गया।

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नमाज़ से पहले पहुंचनी चाहिए फित्रे की रकमः मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में मस्जिद के इमाम-ए-जमात मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने अपने ख़ुत्बे में कहा की हर बालिग़ पर फित्रा अदा करना वाजिब है। एक माह में खाए जाने वाले गेंहू, चावल या आटा के तीन किलो के हिसाब से नमाज़ से पहले फित्रा निकालना चाहिए, ताकि हमसे कमतर भी ईद मना सकें। अपनी ख्वाहिशात को बालातर कर ज़रुरतमंदों की इमदाद करें, ताकि हमारे और ग़रीब ग़ुरबा के बीच फर्क़ न रहने पाए और वह भी ईद-उल-फित्र अच्छे से मना सके।

नमाज़ियों व बच्चों को मिले ईद के तोहफेः मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में नमाज़ व ख़ुत्बे के बाद मस्जिद के मुतावल्ली शाहरुख क़ाज़ी द्वारा इमाम ए जमात मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी, मोअज़्ज़िन अमजद हुसैन पप्पू, शहवेज़, सैय्यादैन नक़वी व अंजुम मिर्ज़ा को तोहफा भेंट कर सम्मानित किया गया। उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने बताया कि शाहरुख क़ाज़ी की ओर से मस्जिद में नमाज़ अदा करने आए सभी नमाज़ियों को एक-एक रुमाल भेंट की गई। मस्जिदें नूर दायरा शाह अजमल में इंतेज़ामिया कमेटी की ओर से एक माह तक रमज़ान के दौरान छोटे बच्चों में नमाज़ रोज़ा और दीनी सवालात के सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया।

ईद और सेंवई एक दूसरे की पूरकः ईद हो और सेंवई की बात न हो तो यह बेइमानी होगी। ईद के साथ सेंवई की मिठास जहां मुस्लिमों को तो भाती ही हैं वहीं बड़ी संख्या में हिंदू भाई भी ईद की सेंवई के लिए बेताब रहते हैं। मुस्लिमों को भी अपने हिंदू भाइयों के इस खास दिन पर इंतेज़ार रहता है। मशीनों से मैदे की बनी सादी सेंवई में मेवे, चीनी की चाशनी और दूध-खोवा का सही तालमेल ही उसे लज़ीज़ बनाता है। सादी दूध वाली सेंवई के अलावा क़िमामी, शीरब्रंज, ईरानी, मुग़ली, अफग़ानी, मुंबई की मशहूर शीरक़ोरमा का लुत्फ उठाने को लोग दिनभर बेताब दिखे।

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