अवध

स्नेह के धागे से सजी भाइयों की कलाई, बाजारों में दूसरे दिन भी रही रौनक

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 30 अगस्त को दिनभर भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन (Rakshabandha) का पर्व दो दिन मनाया गया। पहले दिन रात नौ बजे के बाद भाइयों की कलाई पर राखी सजी। जबकि दूसरे दिन गुरुवार को पौ फटने से पहले ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया, जो दिनभर चला। रक्षाबंधन को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचल तक की बाजारों में रौनक देखने को मिली। त्योहारी सीजन में बड़े व्यापारियों के साथ-साथ उन छोटे-छोटे व्यापारियों ने भी मुनाफा कमाया, जो पर्व-उत्सवों पर ही अस्थाई दुकान लगाते हैं।

भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन (Rakshabandha) का पर्व पूरे जनपद में उल्लास के साथ मनाया गया। पुलिस-प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रखे थे। देर रात तक ग्रामीणांचल की बड़ी बाजारों में पुलिस गश्त देखने को मिली तो सांझ ढलने के बाद सन्नाटे में डूब जाने वाली सड़कें देर रात तक लोगों की आवाजाही से गुलजार रहीं।

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बुधवार को ससुराल से मायके पहुंचीं बहनों की खूब आवभगत की गई। राखी बांधने से पहले बहनों ने भाई के माथे पर टीका लगाया, राखी बांधी और मिठाई खिलाकर आरती उतारी। राखी के त्योहार को लेकर बच्चों में भी उत्साह दिखा। एक तरफ जहां बहनों ने मायके जाकर भाइयों को राखी बांधी तो दूसरी तरफ जो बहनें अपने मायके नहीं जा पाईं तो उनके भाइयों ने ही बहन के ससुराल पहुंच राखी बंधवाई।

रक्षाबंधन (Rakshabandha) के मौके पर सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी लोगों ने राखी बंधवाने की फोटो और वीडियो शेयर किया। वैसे तो रक्षाबंधन का 30 अगस्त को ही था। पर, बुधवार को भद्रा होने के कारण यह दो दिन मनाया गया। 30 अगस्त को रात नौ बजे के बाद भद्रा खत्म होने के बाद बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। जबकि कई स्थानों पर रात में रक्षाबंधन का निषेध होने के कारण यह पर्व गुरुवार को मनाया गया।

रक्षाबंधन का मुहूर्त गुरुवार की सुबह काफी कम वक्त के लिए था, लेकिन भाई-बहन के प्रेम के आगे शुभ मुहूर्त का बंधन भी नहीं टिक पाया और राखी बांधने, बधाई देने और लेने का सिलसिला दिनभर चला। शंकरगढ़, जारी, कौंधियारा, घूरपुर, जसरा, करछना, मेजा, मांडारोड, कोरांव समेत गंगापार के सभी बाजारों में पिछले दो दिनों से लगातार रौनक बनी हुई है।

मिठाई की दुकानों पर मिठाई भी कम पड़ गई। दो दिन का पर्व होने के कारण मिठाई और राखी की अस्थाई दुकान लगाने वालों ने बीती रात सड़क किनारे भी चारपाई डालकर बिताई। दूसरी तरफ केंद्रीय कारागार में भी राखी बांधने के लिए बहनों की भारी भीड़ देखी गई। रक्षाबंधन को लेकर कारागार में विशेष प्रबंध किए गए थे।

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