अवध

तमसा तीरे घोघर बीर बाबा के मेले में उमड़ी भारी, समरसता भोज में टूटा जातिगत बंधन

जातिगत भेदभाव, छुआछूत मिटाने के उद्देश्य से समरसता सहभोज का आयोजन, सैकड़ों लोगों ने की सहभागिता

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). मकर संक्रांति के पर्व पर तमसा नदी के तट पर स्थित घोघर बीर बाबा के प्राचीनतम मेले में समरसता सहभोज काआयोजन किया गया। जातिगत भेदभाव और छुआछूत को मिटाने के उद्देश्य से आयोजित इस मेले में भारी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने सहभागिता की। बारा और कोरांव तहसीलों के मध्य स्थित घोघर बीर बाबा के क्षेत्रीय मेले में भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने खरीदारी भी की।

बारा तहसील क्षेत्र के मवैया कला-जरखोरी में तमसा नदी के तट पर मकर संक्रांति पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले में आज भारी भीड़ जुटी। क्षेत्र के हजारों लोगों ने मकर संक्रांति के मौके पर तमसा नदी में स्नान कर पूजन-अर्चन किया। खिली धूप की वजह से भारी संख्या में क्षेत्रीय गांवों केलोगों ने इस ऐतिहासिक मेले का आनंद उठाया और मेले में गुड़ वाली जलेबी, लाई, चाट, मिठाई और खिलौनों की जमकर खरीदारी की।

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इस दौरान मेला परिसर में समरसता सह भोज खिचड़ी का आयोजन भाजपा पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह पटेल, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी, ग्राम प्रधान मवैया संतोष सिंह के दवारा किया गया, जिसमें भारी संख्या में लोगों ने खिचड़ी खाई।

पिछड़ा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि समाज में सामजिक समरसता के माध्यम से जाति-पाति व छुआ-छूत मिटाने के उद्देश्य से समरसता सह भोज का आयोजन किया गया, जिसे स्थानीय लोगों ने सफल बनाया। कार्यक्रम में धर्मराज पाल, सुधाकर सिंह, छेदीलाल आदिवासी, अतर सिंह कुशवाहा, अशोक सिंह, रामराज सिंह, बालेंद्र सिंह, पृथ्वीराज साहू, विश्वंभर मिश्र आदि शामिल हुए और सफल बनाया। वही कोरांव तहसील के महुली गांव में भी मकर संक्रांति के मौके पर मेले का आयोजन किया गया। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टि से चौकी प्रभारी नारीबारी संतोष सिंह मय दल-बल के साथ मौजूद रहे।

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