Clean Note Policy: 2000 रुपये का नोट बदलने वालों की बढ़ती जा रही तादाद
प्रयागराज (धीरेंद्र केसरवानी). 23 मई, 2023 से दो हजार रुपया का नोट (Rs 2000 note) बदलने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। Clean Note Policy के तहत एक छोटे से बाजार में स्थित सिर्फ एक शाखा पर रोजाना 3-4 लाख रुपये के 2000 रुपये के नोट बदले जा रहे हैं। चूंकि, नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक की मियाद तय की गई है, लिहाजा यह संख्या आने वाले समय में और बढ़ेगी। लोगों में नोट बदलने को लेकर कोई जल्दबाजी भी नहीं दिख रही है।
गौरतलब है कि 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक ने क्लीन नोट पालिसी (Clean Note Policy) के तहत 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की है। इसके लिए 23 मई से बैंकों के द्वारा 2000 रुपये की नोट (Rs 2000 note) वापस ली जा रही है। इसमें कुछ अपने खाते में जमा करवा रहे हैं तो कुछ बैंकों को 2000 रुपये की नोट देकर दूसरी नोट ले रहे हैं।
गंगापार की प्रमुख बाजार व सोरांव तहसील मुख्यालय पर आधा दर्जन बैंकों की शाखाएं कार्यरत हैं। इसमें स्टेट बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और क्षेत्रीय बड़ौदा ग्रामीण बैंक हैं, इसके अलावा अयोध्या हाईवे पर स्थित एक छोटी बाजार शिवगढ़ में भी दो बैंकों की शाखाएं (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और बैंक आफ बड़ौदा) हैं।
23 मई के बाद से लगातार दिख रहे 2000 के नोटः बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा शिवगढ़ शाखा प्रबंधक ने बताया कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया के द्वारा क्लीन नोट पालिसी के तहत नोट वापस लिए जाने की घोषणा के बाद से लगातार 2000 रुपये की नोट बैंक में जमा की जा रही है। बैंक प्रबंधक ने यह भी बताया कि इसके पूर्व उनके बैंक में यदा-कदा ही 2000 रुपये की नोट जमा होने के लिए आया करती थी। इधर, 23 मई के बाद से लगातार 3-4 लाख रुपये के 2000 रुपये के नोट जमा हो रहे हैं। बैंक कर्मचारी नीतीश कुमार ने बताया कि जिन लोगों का खाता बैंकों में नहीं खुला है, उनके भी दो हजार की नोटों को बदलने का काम किया जा रहा है।
शनिवार को बैंक में 2000 रुपये की नोट जमा करने के लिए पहुंचे व्यापारी नेता लक्ष्मीचंद्र केसरवानी ने कहा कि नोट बदलने या जमा करने मेंकोई असुविधा नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2000 रुपये की नोटों को चलन से वापस लिए से जमाखोरी पर लगाम लगेगी और आम लोगों को भी सहूलियत होगी।
नोट जमा करने या बदलने को कोई हड़बड़ी नहींः युवा व्यापारी नेता अजय केसरवानी का कहना है कि 2000 रुपये की नोट को चलन से वापस लिए जाने का फैसला सराहनीय है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने यह फैसला क्लीन नोट पालिसी के तहत लिया है। इसके पीछे आरबीआई की अपनी नीति होगी। जिस तरह से यहां के व्यापारियों ने नोट बंदी को खुले हाथों से स्वीकार किया, उसी प्रकार से आरबीआई के इस निर्णय का व्यापारी वर्ग स्वागत करता है। इससे इतर, विहिप नेता रंजीत केसरवानी का कहना है कि आरबीआई का यह कदम बहुत ही सराहनीय है। 2000 रुपये की नोट लेकर रखने में भले ही आसान थी, लेकिन गांव-गिरांव में सबसे ज्यादा दिक्कत उसके छुट्टा कराने को लेकर होती थी। यदि किसी को कोई अनजान आदमी 2000 रुपये की नोट सिर्फ इसलिए देता था कि उसे छुट्टा चाहिए तो वह शंका की दृष्टि से देखा जाता था। आरबीआई का यह फैसला निश्चित रूप से देश के विकास में होगा। नोट बदलने या जमा करने कोलेकर बैंकों में किसी भी प्रकार की हड़बड़ी नहीं दिख रही।