निशुल्क ड्रेस वितरणः भुगतान के लिए भटक रहा सप्लायर
शैक्षिक सत्र 2018-19 में की गई सप्लाई का 50 फीसदी भुगतान चल रहा बकाया
तमाम लिखापढ़ी के बाद बताया गया, शासन से अभी बजट ही नहीं मिला है
प्रयागराज (राहुल सिंह). दो साल पहले स्कूलों में की गई निशुल्क ड्रेस सप्लाई का भुगतान अभी भी नहीं हो पाया है। तमाम शिकायतों के बाद जिला प्रशासन की तरफ से सप्लायर को बताया गया कि अभी वर्ष 2018-19 में की गई सप्लाई का बजट ही नहीं मिला है, जैसे ही बजट उपलब्ध होता है, भुगतान कर दिया जाएगा। फिलहाल भुगतान नहीं मिलने से सप्लायर रकम डूबने की आशंका को लेकर परेशान है। यह मामला यमुनापार के कोरांव विकास खंड काहै।
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विकास खंड कोरांवके ग्राम कैथवल निवासी रजनीश कुमार नामदेव उमंग ड्रेसेज के नाम से कपड़े का व्यवसाय करते हैं। उच्चाधिकारियों के अलावा तमाम आनलाइन माध्यमों से प्रेषित प्रार्थनापत्र में उन्होंने बताया है कि वर्ष 2018-19 में उन्होंने रामानुज इंटर कालेज कोहड़ार, मेजा, शिवाजी इंटर कालेज पटेलनगर, खेरहट खुर्द, बारा, गोस्वामी तुलसीदास कृषक इंटर कलाजे कोरांव को निशुल्क ड्रेस वितरण योजना के तहत ड्रेस सप्लाई की थी।
रजनीश कुमार के मुताबिक उक्त संस्थाओं केद्वारा उस समय आधा भुगतान कर दिया गया था, लेकिन आधा भुगतान रोक लिया गया था। काफी समय बीत जाने के बाद जब संस्थाओं की तरफ से भुगतान नहीं किया गया तो रजनीश ने मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ सीएम के पोर्टल और जिलाधिकारी से की। तमाम शिकायतोंके बाद रजनीश कुमार को पता चला कि दो वर्ष पहले की गई सप्लाई का अभी तक बजट ही नहीं मिलाहै।
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बीएसए की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सत्र 2018-19 में निशुल्क ड्रेस वितरण की 50 फीसद धनराशि का बजट अभी प्राप्त नहीं हुआ है। बजट मिलते ही विद्यालयों के खातों मेंधनराशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अब बेसिक विद्यालयों में ड्रेस, जूता-मोजा आदि की खरीद के लिए अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेजने की व्यवस्था बना दी है, लेकिन जब यह व्यवस्था नहीं थी, उस समय स्थानीय सप्लायर ही स्कूलों में निशुल्क ड्रेस की सप्लाई करते थे। दो वर्ष बाद भी भुगतान नहीं होने से रजनीश की चिंता बढ़ने लगी है।