पूर्वांचल

सुरियावां में बीमार बनाने का पूरा इंतजामः पीने को मिल रहा ‘नाली’ का पानी

तमाम शिकायत के बाद भी दूर नहीं हुई पाइप में लीकेज की समस्या

लीकेज वाले स्थल पर ही लोग करते हैं बर्तन की धुलाई व अन्य कार्य

भदोही (राजकुमार सरोज). गर्मी के सीजन एक तरफ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा लोगों को संक्रमण से दूर रहने की अपील कर रहा है तो दूसरी तरफ नगर पंचायत सुरियावां (Nagar Panchayat Suriawan) में लोगों को बेहद प्रदूषित पेयजल पिलाया जा रहा है। वह भी ऐसा पानी कि जिसके बारे में जानकारी होने पर लोग टोंटी के पानी को हाथ भी नहीं लगाएंगे। यह समस्या पाइप लीकेज की है।

जिन दो स्थानों पर पाइप में लीकेज है, वहां लोग बर्तन, कपड़ा इत्यादि धुलते हैं। इसके अलावा बच्चों की गंदगी भी साफ करते हैं। सप्लाई बंद होने पर यही गंदा पानी पाइप में घुस जाता है और जब दोबारा सप्लाई चालू होती है तो लोगों के घरों में पेयजल के रूप में पहुंचता है। लोगों का कहना है कि इस समय जो पानी हम लोगों को मिल रहा है, वह नाली के पानी से भी गंदा है।

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बताते चलें कि नगर निकाय चुनाव के पूर्व से ही सुरियावां की पेयजल के लिए पाइपलाइन बिछाई गई थी, इसमें बाईपास रोड और निमकौरिया तालाब के पास लीकेज हो गया है। लीकेज से एकत्र होने वाले पानी से लोग अपनी गंदगी साफ करते हैं। बर्तन धोया जाता है, कपड़े साफ होते हैं। पानी के बंद होने पर यही गंदा पानी मौके पर जमा रहता है और पाइप में चला जाता है। दोबारा सप्लाई होने फिर घरों में टोंटी के जरिए घरों तक पहुंच रहा है।

नगर पंचायत सुरियावां में पेयजल आपूर्ति के लिए नगर में दो जगह पंप स्थापित किया गया है और पाइप लाइन के माध्यम से विभिन्न वार्ड के घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। जिन दो स्थानों पर लीकेज है, वहां बेनवंशी समुदाय के लोग दउरी, सूप, डलिया, झाँपी आदि बनाने का कार्य करते हैं। उन्हीं की आबादी के सामने से पेयजल पाइप लाइन गई हुई है, वहीं लीकेज है।

इस संबंध में नगरवासियों ने अधिशासी अधिकारी सुरियावां से मांग की है लीकेज को अविलंब बनवाया जाए और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए, अन्यथा सुरियावां वासी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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संस्कृति और संस्कार के संरक्षण के लिए सभी के आगे आने की जरूरतः डा. रामानंद

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