पूर्वांचल

दिव्यांगता को अभिशाप नहीं हथियार बनाएं अभिभावकः चंद्रशेखर आजाद

बीआरसी भदोही में पैरेंट्स काउंसिलिंग का आयोजन

भदोही. परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने, स्कूल आने के लिए प्रेरित करने और भावनात्मक रूप से दिव्यांगों को भी सामान्य बच्चों की तरह ट्रीट करने के उद्देश्य गुरुवार को पैरेंट्स काउंसिलिंग काआयोजन किया गया। बीआरसी भदोही में आयोजित पैरेंट्स काउंसिलिंग में बीईओ चंद्रशेखर आजाद समेत फिजियोथेरेपिस्ट व रिसोर्स पर्सन ने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को जागरुक करने का प्रयास किया।

बीईओ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बेशक, दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है, पर अभिभावक अपनी तरफ से कभी भी ऐसा आभास न कराएं कि वह सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हे भी सामान्य बच्चों की तरह अटेंशन दें। उनकी बातों को सुनें, समझें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें।

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जिला समेकित शिक्षा रश्मि मिश्रा और फिजियोथेरेपिस्ट डा. जेपी सिंह ने कहा, दिव्यांग बच्चों में विशिष्ट प्रकार की योग्यता पाई जाती है। सभी अभिभावकों को उसी योग्यता या क्षमता के आधार पर दिव्यांगों की देखभाल करने और आगे बढ़ाने की जरूरत है। डा. जेपी सिंहने दिव्यांगता के आधार पर उनकी देखभाल किए जाने पर प्रकाश डाला।

रिसोर्स पर्सन सुशील कुमार मौर्य और सुनील कुमार कहा कि दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह होते हैं, उनके भी वह सारी खूबियां होती हैं, जो सामान्य बच्चों में होती है। इसलिए दिव्यांगों को भी सामान्य बच्चों की तरह देखें और दिव्यांगता के आधार पर उन्हें सहारा दें। नियमित रूपसे स्कूल भेजें। स्कूल में और स्कूल आने-जाने में होने वाली समस्याओं को समझकर उसका समाधान खोजें, ताकिबच्चों का रुझान पढ़ाई-लिखाई कीतरफ बढ़ सके।

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रिसोर्स पर्सन द्वय ने कहा कि आज बहुत से ऐसे उदाहरण हैं कि दिव्यांग होने के बावजूद लोगों ने बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। उन्होंने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 एवं नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा किया। अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझा गया और उसके रास्ते सुझाए गए। कार्यक्रम में स्पेशल एजुकेर विवेक कुमार पाठक, मनोज सिंह, विजय मौर्य, सरिता मिश्रा, राणा गोविंद, मनोज कुमार, राजेश गुप्ता, सत्येंद्र द्विवेदी मौजूद रहे।

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