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बंटे हुए विश्व में सबको साथ लेकर चलना और विश्वास बनाए रखना आसान नहीः विदेश मंत्री

नई दिल्ली (the live ink desk). जी-20 की अध्यक्षता मिलने और इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के शामिल होने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, आज के पोलराइज बंटे हुए विश्व में सबको साथ लेकर चलना और सबका विश्वास बनाए रखना आसान नहीं है। विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S. Jaishankar) प्रतिष्ठित न्यूज चैनल आज तक के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। आज तक के इस शो में उन्होंने कहा, भारत को जी-20 की जिम्मेदारी इसी साल मिली है और भारत इसमें सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस के राष्ट्रपति G20 सम्मेलन में हिस्सा लेने आएंगे, इस पर विदेश मंत्री का कहना था कि भविष्य तो भविष्य होता है, परंतु बाली (इंडोनेशिया) में भी एक समय था, जब सभी नेताओं को एक कमरे में रखना मुश्किल लग रहा था। भारत और कुछ देश इस काम में लगे थे कि कैसे हम इंडोनेशिया को इतना सहयोग करें कि उनकी अध्यक्षता सफल रहे। सफलता का आधार यह था कि G20 के सभी नेता आए और एक कमरे में बैठे।

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विदेश मंत्री ने कहा, अगर विश्व की स्थिति देखी जाए, तो तनाव और विवाद भी देखने को मिलता है। ऐसी परिस्थिति में भारत की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, लेकिन आगे क्या होगा, अभी कुछ कहना उचित नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया हमें सुनती है। सभी ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की है, क्योंकि उन्होंने सभी देशों को साथ में लेकर चलने का काम किया। उन पर सभी का भरोसा था। इसका असर हमारी अध्यक्षता पर होगा।

आज तक के शो में रूस के साथ रिश्तों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि हमने भारतवासियों का पक्ष लिया है, हमें देखना पड़ा कि हमारे लोगों के लिए क्या सबसे अच्छा है, जब रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ तो रूस और पश्चिमी देश एक दूसरे के खिलाफ थे, लेकिन कुछ देश इस युद्ध के खिलाफ थे, जिसमें कि भारत भी शामिल था। कहा, युद्ध खत्म होकर बातचीत शुरू होनी चाहिए, जिससे दुनिया के हालात सुधर सकें। तेल के दाम कम हो सकें, अनाज के दाम कम हों। कहा, दुनिया में 200 से ज्यादा देश हैं और सभी यही चाहते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होना चाहिए।

इसी कार्यक्रम में आतंकवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, आतंकवाद को बढ़ावा देना किसी भी देश का हक नहीं है। मैं, यह दोहराना चाहता हूं कि किसी भी देश को यह अधिकार है कि वह आतंकवाद को खाद-पानी दे, जब तक हम आतंकवाद को अप्रासंगिक नहीं बना देंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के ऊपर विश्व बिरादरी का दबाव होना जरूरी है। कहा, जब तक कोई देश आतंकवाद का शिकार नहीं होता, तब तक वह कुछ बोलता नहीं है, चुप रहता है। जब तक आतंकवादियों पर दबाव नहीं पड़ेगा, तब तक हमें इसमें अहम भूमिका निभाने की जरूरत है।

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