Anti-Hijab Protests: फैक्ट फाइंडिंग मिशन के लिए भारत ने नहीं की वोटिंग
नई दिल्ली (the live ink desk). भारत ने बृहस्पतिवार को ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किए जा रहे कथित अत्याचार को लेकर एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन गठित करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। मालूम हो कि 16 सितंबर से ईरान में हिजाब ना पहनने को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब पूरे ईरान में पहुंच चुका है। अब ईरानी सुरक्षाबलों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने वालों पर अत्याचार के मामले व कई रिपोर्ट सामने आ रही हैं।
ईरान में सार्वजनिक तौर पर मृत्यु की सजा देने के भी दो मामले सामने आ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन एक 22 वर्षीय ईरानी महिला महसा अमीनी की मृत्यु से और चर्चा में आ गया है। महसा अमीनी को ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने हिजाब ठीक से न पहनने के कारण गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उसको हद से ज्यादा टॉर्चर किया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। अमीनी की मौत पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के दौरान हुई।
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बता दें कि बृहस्पतिवार को हुए संयुक्त राष्ट्र के सत्र में जर्मनी और आईसलैंड ने फैक्ट फाइंडिंग मिशन का प्रस्ताव पेश किया, जिसका जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस सहित 25 देशों ने समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के इस प्रस्ताव में 6 देशों ने विरोध किया। इनमें क्यूबा, वेनेजुएला, इरीट्रिया, पाकिस्तान, चीन एवं आर्मेनिया शामिल हैं, जबकि 16 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। भारत भी वोटिंग में हिस्सा ना लेने वालों में से एक है।
इस मामले में भारत पूरी तरह से न्यूट्रल है। कुल मिलाकर ईरान में सितंबर महीने से ही हिजाब ना पहनने को लेकर हो रहा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन अनवरत जारी है। इसके जवाब में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए विरोध प्रदर्शन को कुचलने की पूरी कोशिश की, जिसकी दुनिया भर में निंदा हुई। यह विरोध प्रदर्शन अभी जारी है।