82 करोड़ देशवासियों को सालभर मिलेगा मुफ्त राशन, वन रैंक वन पेंशन योजना में भी सुधार
नई दिल्ली (the live ink desk). आगामी साल 2023 में नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसएस) के तहत देश के लगभग 82 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देगी। यह अनाज सरकार पूरे साल मुफ्त देगी। केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो अनाज भारत सरकार उपलब्ध कराती है। इसी क्रम में अंत्योदय अन्न योजना में आने वाले परिवारों को 35 किलो अनाज मिलता है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसएस) के तहत गरीबों को दिए जाने वाले मुफ्त अनाज की लागत करीब दो लाख करोड़ रुपये आएगी। इस खर्च का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन का लाभ दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा मुफ्त राशन देने की योजना साल 2020 में अस्तित्व में आई, जब देश में लॉकडाउन लगाया गया था। तब लोगों की तकलीफों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मुफ्त अनाज देने का फैसला किया था।
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इसके बारे में खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह योजना बीते 28 महीनों से चल रही है और इसी महीने यह खत्म होने वाली है। फिलहाल जो राशन पहले दूसरी योजनाओं के तहत मिलता था, वही राशन अब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसएस) के तहत देने का फैसला किया है।
यानी मुफ्त राशन, जो 2020 से गरीबों को मिल रहा है, वह अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत नहीं मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसएस) के तहत मुफ्त दिया जाएगा। खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक सरकार ने योजना और अधिनियम को मिला दिया है। फिलहाल, गरीबों को मुफ्त राशन की सौगात पूरे साल मिलेगी।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वन रैंक वन पेंशन योजना (OROP scheme) में भी जरूरी सुधार किया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि अब पूर्व सैनिकों और परिवार पेंशनधारकों की संख्या बढ़कर 25.13 लाख हो जाएगी। अभी यह संख्या 20.60 लाख है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि ओआरओपी में जरूरी सुधार के बाद प्रति वर्ष इस पर आठ हजार, 450 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
ओआरओपी में किए गए संशोधन का लाभ पेंशनधारकों को जुलाई 2019 से दिया जाएगा। इसका भुगतान चार छमाही किश्तों में होगा। पिछले पेंशनधारकोंकी पेंशन 2018 में समान रैंक वाले और समान सेवाकाल वाले अवकाश प्राप्त सैनिकों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर नये सिरे से निर्धारित की जाएगी।