2014 से पहले 387 मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 88% की वृद्धि हुई, अब देश में 731 मेडिकल कॉलेज। 118 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ MBBS की सीटें 1,12,112 हो गई हैं, 2014 से पहले 51,348 थीं। स्नातकोत्तर (MD) की सीटें भी 31,185 से 113 प्रतिशत वृद्धि के साथ बढ़कर 72,627 हुईं।
The live ink desk. बीते एक दशक के दौरान देशभर में एमबीबीएस (MBBS) और डाक्टर आफ मेडिसिन (स्नातकोत्तर कोर्स) यानी एमडी की सीटों में दोगुनी की वृद्धि हुई है। इसी के सापेक्ष मेडिकल कालेज भी बढ़े हैं।
2014 से पहले देशभर में एमबीबीएस की कुल 51,348 सीटें थीं, जो 118% बढ़ोत्तरी के साथ अब 1,12,112 हो गई हैं। इसी तरह स्नातकोत्तर (MD) सीटों में 113% की बढ़ोत्तरी हुई है, जो अब 72,627 हो गई हैं। पहले एमडी की कुल 31,185 सीटें थीं। 88 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ अब देशभऱ में कुल 731 मेडिकल कालेज (2014 से पहले 387) हो गए हैं।
157 कालेजों में 109 पहले से सक्रिय
यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने दी। राज्यसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। जिला अस्पतालों (रेफरल) को अपग्रेड करके नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के तहत 157 नये मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 109 पहले से ही सक्रिय हैं।
सीटों पर खर्च किए गए 5,972 करोड़
एमबीबीएस (MBBS) और स्नातकोत्तर (MD) सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए मौजूदा मेडिकल कॉलेज के ढांचों को मजबूत करने के लिए सीएसएस के तहत 5,972.20 करोड़ रुपये की स्वीकृत किए गए, जिससे 83 कॉलेजों में 4,977 एमबीबीएस सीटें, 1,498.43 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 72 कॉलेजों में 4,058 पीजी सीटें और 4,478.25 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 65 कॉलेजों में 4,000 पीजी सीटें बढ़ाई गईं।
22 एम्स को मंजूरी, 19 में पढ़ाई शुरू
इसके लावा प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। नये एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षण संकाय के रूप में नियुक्ति के लिए डीएनबी योग्यता को मान्यता दी गई है।
आयु सीमा बढ़ाकर 70 वर्ष की गई
फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए भी केंद्र सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं। रिटायरमेंट की सामान्य आयु के सापेक्ष मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों, डीन, प्रिंसिपल और निदेशक के पदों पर नियुक्ति/ विस्तार/ पुनर्नियुक्ति के लिए आयु सीमा में इजाफा किया गया। आयु सीमा कोअब बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया गया है। ताकि, नई जेनरेशन के तैयार होने तक पुराने चिकित्सकों का मार्गदर्शन और अनुभव नई पीढ़ी को प्राप्त होता रहे।
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