इतिहास रचने को ISRO की टीम हो गई तैयार, पूरी तरह से तंदरुस्त है Chandrayaan-3
The live ink desk. 23 अगस्त, 2023 की शाम इतिहास में दर्ज होने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसरो (ISRO) का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चंद्रमा की तरफ उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां से उसे लैंडिंग के लिए कमांड दिया जाएगा। इसरो की टीम भी तैयार हो गई है। एक-एक पल की मानीटरिंग की जा रही है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सेहत भी पूरी तरह से दुरुस्त है।
इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वह स्वचालित लैंडिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब 5.44 बजे (17.44) बजने का इंतजार किया जा रहा है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के निर्धारित स्थान पर पहुंचने के बाद उसे चंद्रमा की तरफ थोड़ा झुकाव देकर आगे की तरफ बढ़ाया जाएगा और सबकुछ ठीकठाक रहा तो 06.04 मिनट पर हमारा चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतर चुका होगा।
चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है। लैंडर के पास चंद्रमा के निर्धारित स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को तैनात करने की क्षमता है, जो इसकी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह पर विश्लेषण करेगा।
चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा स्पेश स्टेशन से 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। इसके बाद भारत का चंद्रयान-3 बीते पांच अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंचा। इस मिशन के लिए 23 अगस्त यानी आज का दिन सबसे अहम है। आज चंद्रयान-3, चंद्रमा (Moon) के साउथ पोल पर लैंड करेगा।
लांचिंग के बाद से चंद्रयान-3 की लगातार निगरानी की जा रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर 100 किमी के परिक्रमा पथ से सतह की ओर लाना बेहद नाजुक चरण होगा।
दूसरी तरफ चंद्रयान-3 को लेकर पूरे देश में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। देशभर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश में बुधवार, 23 अगस्त को परिषदीय विद्यालयों को शाम केवक्त खोलने और चंद्रयान-3 की साफ्ट लैंडिंग का सजीव प्रसारण करने का निर्देश दिया गया है।