अपराध समाचार

Pratapgarh पुलिस ने दिल्ली जाकर तीन ठगों को दबोचा, फर्जी चेक के जरिए उड़ाते थे रकम

चेक क्लोनिंग कर रकम उड़ाने में इस्तेमाल दो मोबाइल, चेक को फोटोकापी और चार फर्जी आईडी बरामद

तीनों अभियुक्त दिल्ली के निवासी, फर्जी दस्तावेज, बंद चल रहे मोबाइल नंबर का यूज कर करते थे जालसाजी

प्रतापगढ़ (हरिश्चंद्र यादव). एडिशनल एसपी अमृत जैन की अगुवाई वाली पुलिस टीम ने तीन जालसाजों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह तीनों चेक की क्लोनिंग कर रकम उड़ानेमें माहिर थे। तीनों की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने जिले में हुई पांच घटनाओं का खुलासा भी किया है। पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि खाताधारक की बिना अनुमति के जरिए चेक से रकम पास होने की शिकायत मिलने पर पुलिस टीमों को लगाया गया था।

मामले की जांच व विवेचना के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस टीम ने दिल्ली से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए अभियुक्त आशिफ उर्फ आर्यन शर्मा पुत्र मोहम्मद नजीर हुसैन (जी-एफ संगम विहार, पुष्पा भवन, साउथ दिल्ली), सुरेंद्र सिंह पुत्र बलराम (दसगरा मोहल्ला, गढ़ी, ईस्ट आफ कैलाश, साउथ दिल्ली) और अरुण कुमार उर्फ अभिनव गुप्त उर्फ अरुण भारद्वाज पुत्र राजेश गुप्ता (निवासी भादरबांध, हरिद्वार, उत्तराखंड, हाल पता लक्ष्मीनगर, नई दिल्ली) को दिल्ली से यहां लाया गया।

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पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह बंद चल रहे मोबाइल नंबर को सक्रिय करवाकर उनका इस्तेमाल जालसाजी के लिए करता था। इसके बाद उसी नंबर से जुड़े खाते से संबंधित ओटीपी भेजकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लेते थे। इसके बाद तैयार फर्जी आधार कार्ड का प्रयोग पैन कार्ड, वास्तविक जीएसटी नंबर लेने के अलावा फर्जी फर्म बनाने के लिए भी किया जाता था। फर्म पर अभियुक्तों के द्वारा रिटर्न भी दाखिल किया जाता था। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाया जाता।

जालसाजी के लिए अभियुक्तों के द्वारा ऐसे खातों का प्रयोग किया जाता, जिसमें मोबाइल नंबर नहीं जुड़े होते। इसके बाद बड़ी धनराशि वाले खाते की पहचान की जाती, जिनकी फर्जी चेकबुक तैयार की जाती और फिर शुरू होता था जालसाजी का खेल। फर्जी चेक को बैंक के ड्राप बाक्स में डालकर छोड़ दिया जाता। रकम पास होने के बाद उसे खाते से निकाल लिया जाता था।

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अब खाताधारक की स्वीकृति पर पास होंगे चेकः एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि इस तरह के ज्यादा मामले बैंक आफ बड़ौदा से जुड़े हैं। बैंक आफ बड़ौदा ने इस तरह के मामलों को देखते हुए चेक पास होने के नियमों में फेरबदल किया है। बैंक आफ बड़ौदा के चेक अब बिना कस्टमर की स्वीकृति मिले पास नहीं किए जाएंगे। इसका असर यह होगा कि अब वास्तविक खाताधारक को उसी समय इसकी जानकारी मिल जाएगी, जब उसके खाते में कोई चेक लगाया जाएगा। इस मामले का खुलासा करने वाली टीम में एसएसआई विनीत कुमार उपाध्याय, एसआई सतीश कुमार यादव, दिग्विजय सिंह, चंद्रगुप्त, नसीर कमाल आदि शामिल रहे। एसपी ने चेक क्लोनिंग के जिन मामलों का खुलासा किया है, उसमें दो प्रकरण जेठवारा थाना, एक मामला अंतू और दो कोतवाली नगर क्षेत्र से संबंधित हैं।

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