Black Buck death case: लंबी छलांग लगाने से फट गईं थीं मांसपेशियां
मेजा वन रेंज कार्यालय परिसर में गुरुवार को करवाया गया था काले हिरण का अंत्य परीक्षण
प्रयागराज (हरिप्रताप सिंह). मेजा के चांद खमरिया कृष्ण मृग क्षेत्र में पीछे के पैरों की मांसपेशियों की नस फट जाने के कारण उठ नहीं पा रहे एक प्रौढ़ काले हिरण की मेजा वन रेंज कार्यालय में बुधवार को मौत हो गई। गुरुवार को डॉक्टरों के पैनल से उक्त मृग का पोस्टमार्टम कराया गया और विसरा को सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया। बाद अन्त्य परीक्षण मृत काले हिरण का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया।
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मेजा वन रेंज के क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने बताया कि चांद खमरिया कृष्ण मृग वन क्षेत्र में बुधवार की शाम बन कर्मियों द्वारा देखा गया कि एक काला हिरण बैठा हुआ है, जो उठ नहीं पा रहा है। वन विभाग के कर्मचारियों से इसकी जानकारी मिलने पर वह स्वयं मौके पर पहुंचे। जांच पड़ताल की तो पता चला कि काला हिरण काफी प्रौढ़ है और कमजोरी के कारण उठ नहीं पा रहा है। उक्त काले हिरण को उठवा कर वे इलाज के लिए मेजा स्थित रेंज कार्यालय ले आए। जहां उसके इलाज के लिए चिकित्सक को बुलवाया, लेकिन चिकित्सक के पहुंचने के पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
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काले हिरण की मृत्यु के कारण का पता लगाने के लिए लिए गुरुवार को मेजा वन रेंज कार्यालय परिसर में उसका पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के पैनल द्वारा अन्त्य परीक्षण किए जाने बाद पता चला कि उसके पिछले पैरों की मांस पेशियों की नसें फट गई थीं, जिसके कारण वह उठ नहीं पा रहा था। ऐसी स्थिति प्रौढ़ हो जाने के कारण छलांग लगाने से पैदा हुई। उन्होंने बताया कि विसरा परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आ जाने के बाद स्थिति और भी स्पष्ट हो जाएगी। दाह संस्कार के वक्त वन क्षेत्राधिकारी अजय सिंह के अलावा वन दरोगा विपिन सिंह, चालक भाष्कर श्रीवास्तव सहित अनेकों अन्य वन कर्मी उपस्थित रहे।