The live ink desk. भारत में उच्च शिक्षा में कुल नामांकन ने वित्त वर्ष 2015 के मुकाबले 2022 में 26.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया। इसमें बताया गया कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में तृतीयक और स्कूल के बाद की शिक्षा शामिल है।
उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) 2021-22 के मुताबिक, उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वित्त वर्ष 2022 में लगभग 4.33 करोड़ हो गया है, जो वित्त वर्ष 2021 में 4.14 करोड़ और वित्त वर्ष 2015 में 3.42 करोड़ था।
उच्चशिक्षा में 31.6 फीसद बढ़ा महिला नामांकन
आर्थिक सर्वेक्षण में उल्लेखित है कि उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग ने प्रमुख रूप से वृद्धि दर्ज की है। वहीं सभी वर्गों में महिला नामांकन में वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा में महिला नामांकन वित्त वर्ष 2015 में 1.57 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 2.07 करोड़ हो गया। मतलब कुल 31.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
उच्च शिक्षा में 4.33 करोड़ छात्र कर रहे अध्ययन
सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत में 26.52 करोड़ छात्र स्कूल में हैं। 4.33 करोड़ उच्च शिक्षा में और 11 करोड़ से ज़्यादा छात्र कौशल विकास संस्थानों में पढ़ रहे हैं। भारत में 14.89 लाख स्कूल, 1.50 लाख माध्यमिक विद्यालय, 1.42 लाख उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 1,168 विश्वविद्यालय, 45,473 कॉलेज, 12,002 स्वतंत्र संस्थान, स्कूली शिक्षा में 94.8 लाख शिक्षक और उच्च शिक्षा में 15.98 लाख शिक्षक शामिल हैं।
शोध और विकासः2024 में दिए गए एक लाख पेटेंट
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत अनुसंधान एवं विकास में तेजी से प्रगति कर रहा है। वित्त वर्ष 2024 में लगभग एक लाख पेटेंट दिए गए, जबकि वित्त वर्ष 2020 में 25,000 से भी कम पेटेंट दिए गए। डब्ल्यूआईपीओ (WIPO) के अनुसार, भारत में 2022 में पेटेंट फाइलिंग में सबसे अधिक वृद्धि (31.6%) देखी गई।
जीआईआई 2023 के अनुसार, भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में अपनी रैंकिंग में लगातार सुधार किया, जो 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर आ गई।
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