निरपराध सूरज गुप्ता के हत्यारे ने खूब रची साजिश, 26 मुकदमों का आरोपी है फिरोज अहमद
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). बिहार के बक्सर निवासी सूरज गुप्ता की हत्या कर सिर व गुप्तांग काटने और उसके बाद शव को जलाने के आरोपी फिरोज अहमद ने अपनी दुनिया को आबाद करने और खुद के गुनाहों पर पर्दा डालने की खूब साजिश रची, लेकिन अंततः उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना ही पड़ा। बिना किसी अपराध के, असमय काल कवलित हुए सूरज गुप्ता की हत्या के आरोपी फिरोज अहमद के ऊपर गंगापार के हंडिया, यमुनापार के औद्योगिक क्षेत्र, नैनी, करछना और जीआरपी मिर्जापुर में कुल 26 मुकदमे पंजीकृत हैं।
बीती रात एसओजी और करछना पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में धरे गए हत्यारोपी फिरोज अहमद (पचदेवरा, करछना) इन दिनों कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था। एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय ने बताया कि मुकदमों और आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए फिरोज अहमद ने खुद के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाया था। इसके लिए उसने टीवी सीरियल में दिखाई जाने वाली घटनाओं को आधार बनाकर योजना बनाई कि यदि किसी प्रकार से उसके मरने की पुष्टि हो जाए तो उसे सभी मामलों से छुटकारा मिल जाएगा।
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एसएसपी के मुताबिक इसके लिए फिरोज ने अपनी कद-काठी के युवक का चुनाव करने का प्लान बनाया और इसी के तहत 16 अक्टूबर को उसने छिवकी रेलवे स्टेशन के पास खड़े सूरज गुप्ता को अपनी बातों में उलझाया और फिर उसे शराब पिलाई, खाना खिलाया और नये कपड़े भी दिलाए। इसके बाद अनमोल ढाबे (मिर्जापुर हाईवे, मर्दापुर गांव के समीप) के पीछे ले जाकर कत्ल कर दिया। सूरज गुप्ता की शिनाख्त मिटाने के लिए सिर काटकर अलग फेंका। साजिशन गुप्तांग भी काट डाला और अवशेष शरीर पर तेल छिड़ककर आग लगा दी, ताकि पुलिस को यह दिखाया जा सके कि यह शव सूरज गुप्ता का नहीं बल्कि फिरोज अहमद का ही है।
इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद फिरोज अहमद ने अपनी पर्स और डीएल वहीं फेंक दिया, ताकि लोगों को यह पुख्ता हो जाए कि वह शव फिरोज अहमद का ही है, लेकिन कानून और पुलिस दोनों के हाथ लंबे होते हैं। घटनास्थल पर ही मिले साक्ष्य व सूरज गुप्ता के पुराने कपड़े से पुलिस को उसके घर का पता चला। फिरोज अहमद ने इस हत्याकांड को अंजाम देने में शिवबाबू पुत्र मोतीलाल (निवासी हिंदूपुर, करछना) और शमशेर अली पुत्र अजीमुल्ला (निवासी पुरैनी, करछना) का भी सहयोग लिया था। निरपराध सूरज गुप्ता के हत्यारे फिरोज अहमद के खिलाफ करछना थाने में एक दर्जन, जीआरपी मिर्जापुर में दो, औद्योगिक क्षेत्र में तीन, हंडिया थाने में दो, नैनी कोतवाली में पांच, कीडगंज में एक मुकदमा दर्ज है।