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राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभः सांसद रीता जोशी ने अनन्या और कुश को खिलाई खीर

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने गुरुवार को शहर प्रथम के आंगनबाड़ी केंद्र कटरा बख्तियारी पर राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ किया। सांसद ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि बच्चे, गर्भवती और धात्री महिलाओं को लक्ष्य मानते हुए उन्हें पोषण के प्रति जागरूक करें। उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। उन्होंने महिलाओं से भी अपील की है कि वह परिवार के साथ अपने खानपान का भी ध्यान रखें।

सांसद ने कहा, स्वस्थ मां ही स्वस्थ परिवार का निर्माण करती है। इस तरह के अभियान से महिलाओं की सेहत में काफी सुधार हुआ है। कार्यक्रम के शुरुआत में सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने छह माह की अनन्या व कुश को खीर खिलाकर अन्नप्राशन व आरुषि, श्रेयांश, अरबिया और अरबिश को पोषण टोकरी प्रदान की। उन्होंने केंद्र पर ही अरबिया का वजन भी कराया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।

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पोषण माह में लगाएं जाएंगे न्यूट्री गार्डनः जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश सिंह ने बताया कि पोषण माह गंभीर कुपोषित बच्चों की प्रारंभिक पहचान कर उन्हें उचित इलाज एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनके स्वास्थ्य सुधार के लिए पोषण माह का आयोजन जिले में किया जाएगा। बच्चों, किशोरियों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए सितंबर माह में पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष पोषण माह में खास बात यह होगी कि रसोई और न्यूट्री गार्डन विकसित कर पौधे लगाए जाएंगे। भूमि का अभाव होने पर गमलों का सहारा लिया जाएगा।

खाली भूमि पर रोपी जाएगी पोषण पाटिकाः सीडीपीओ संजिता सिंह (शहर प्रथम) ने बताया कि पूरे माह हर सप्ताह अलग कार्यक्रम कर पोषण के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। प्रथम सप्ताह में सरकारी स्कूल, आवासीय स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत की अतिरिक्त भूमि पर पोषण वाटिका की स्थापना होगी। दूसरे हफ्ते में योगा एवं आयुष के सत्रों का आयोजन, तृतीय सप्ताह में पोषण संबंधी प्रचार-प्रसार और चतुर्थ सप्ताह में सैम/मैम बच्चों का चिन्हीकरण का अभियान चलाया जाएगा। 25 से 30 सितंबर तक बच्चों का वजन एवं लंबाई की नाप ली जाएगी।

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सैम-मैम बच्चों के स्वास्थ्य की होगी जांचः सैम एवं मैम बच्चों के स्वास्थ्य की जांच, आवश्यकतानुसार उन्हें एनआरसी में भी भर्ती कराया जाएगा। सुपोषित बच्चों प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त गांवों में पोषण पंचायतों (बैठक) का आयोजन होगा। मोबाइल के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जाएगी। बच्चों में रोग एवं मृत्यु दर कम करने के लिए उनमें कुपोषण की पहचान की जाएगी। स्थानीय स्तर पर इसका प्रबंधन किया जाएगा। कार्यक्रम में सुपरवाइजर बबिता सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता सिंह, सहायिका कमला गौड़ मौजूद रहीं।

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