Election Campaign: बच्चों को गोद में उठाना, गाड़ी में बैठाना पड़ेगा भारी
The live ink desk. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की तैयारियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों और उनके हितैषियों के द्वारा मैदान फतह करने की रणनीति बनाई जा रही है। प्रत्याशियों का चयन जोरों पर है। तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी देश के इस चुनावी महोत्सव को पूरी पारदर्शिता व शुचिता के साथ संपन्न कराने की कवायद में जुट गया है।
अक्सर ऐसा देखने में आता है कि चुनाव प्रचार (Election Campaign) के दौरान प्रत्याशियों, प्रचारकों, पदाधिकारियों के द्वारा बच्चों की मासूम छवि का इस्तेमाल कर लिया जाता है। प्रचार के दौरान कभी गोद में उठाकर, दुलारकर तो कभी गाड़ी में बैठाकर चुनावी माहौल को अपने फेवर में करने की कोशिश की जाती है। इस दफा चुनाव आयोग ने इस तरह की गतिविधियों पर पूर्णतया विराम लगा दिया है।
चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया है कि नेताओं और प्रत्याशियों के द्वारा चुनाव प्रचार में बच्चों का प्रयोग किसी भी तरह से नहीं किया जाएगा। चाहे बच्चों को गोद में उठाना हो, गाड़ी में बैठाना हो या फिर राजनीतिक मंच पर ले जाना हो। चुनाव प्रचार के दौरान बच्चों के इस्तेमाल पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि पोस्टर-पंफलेट (Election Campaign) समेत किसी भी तरह की सामग्री पर बच्चों की तस्वीर नहीं लगनी चाहिए।
इलेक्शन कमीशन (Election Commission) के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि किसी भी तरह से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है। जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या प्रत्याशी के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन शामिल है।
दूसरी तरफ इलेक्शन कमीशन (Election Commission) ने यह भी निर्देशित किया है कि यदि किसी राजनेता, उम्मीदवार या फिर करीबी के द्वारा अपने बच्चे को साथ ले जाया जाता है तो यह उपरोक्त आदेश का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। बशर्ते बच्चे चुनाव के प्रचार में शामिल न हों। स्पष्ट करते हुए आयोग ने कहा कि यदि कोई राजनेता किसी भी पार्टी के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं है और इस दौरान कोई बच्चा अपने अभिभावक के साथ केवल समीप मौजूद रहता है तो यह उल्लंघन की श्रेणी में नहीं आएगा।