प्रयागराज (आलोक गुप्ता). समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। बेटे के दो-दो जन्म प्रमाणपत्र के प्रकरण में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है, साथ ही इस प्रकरण में मिली सजा भी पर कोर्ट ने रोक लगाई है। सजा पर रोक का फैसला केवल आजम खान पर लागू होगा, जबकि मां तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला की सजा पर रोक नहीं लगी है।
मौजूदा समय में तीनों अलग-अलग जेलों में बंद हैं। गौरतलब है कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमामपत्र के प्रकरम में मामले में अब से सात माह पहले रामपुर की स्पेशल एमपी/एमएलए (MP/MLA) कोर्ट ने आजम खान, तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई थी और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
बीते 14 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनाया गया है। अदालत ने तंजीम फातिमा फातिमा और अब्दुल्ला आजम की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद भी आजम खान और अब्दुल्ला आजम केबाहर आने के रास्ता साफ नहीं हुआ है। क्योंकि आजम खान को डूंगरपुर के प्रकरण में सात साल और छजलैट के एक अन्य मामले में पिता-पुत्र को दो-दो साल की सजा हुई है।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने स्वार विधानसभा से चुनाव लड़ा था और वह विधायक चुने गए थे। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद और बाद में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र पर चुनाव लड़ने की शिकायत की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द कर दिया।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाणपत्र में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्ज है जबकि नगर निगम लखनऊ की तरफ से जारी किए गए जन्म प्रमामपत्र में 30 सितंबर, 1990 है। इस प्रकरण को लेकर आजम खां सहित तीनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।