भारत के वैज्ञानिकों ने बनाई Lumpy Skin Disease की स्वदेशी Vaccine: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में किया इंटरनेशनल डेयरी संघ के समिट का उद्घाटन
कहा, बीते आठ वर्ष में 44 प्रतिशत बढ़ा भारत का दूध उत्पादन, किसानों की आय भी बढ़ी
नई दिल्ली (the live ink desk). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के एक्स-पो मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के सम्मेलन 2022 (international dairy Summit 2022) का उद्घाटन किया। इस समिट में भारत समेत दुनिया के डेयरी उद्योग से जुड़े 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इन देशों के कुल 1500 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। चार दिवसीय वर्ल्ड डेयरी समिट (four day world dairy summit) का उद्घाटन करते हुए नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलाजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचानकर रहे हैं। हमने इसे पशु आधार नाम दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध (146 million tonnes of milk) का उत्पादन होता था, लेकिन आज 2022 यह बढ़कर 210 मिलिटन टन (210 MT) पहुंच गया है। दुग्ध उत्पादन में बीते आठ वर्ष के दौरान 44 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।
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डेयरी सेक्टर में 70 फीसद महिलाएंः नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत के डेयरी सेक्टर में 70 फीसद महिलाएं कार्यरत हैं। इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई महिलाओं की हिस्सेदारी है। आज भारत में डेयरी कोआपरेटिव्स का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। यह डेयरी कोआपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मूल आधारः इस पूरी प्रक्रिया के बीच में कोई बी मिडिल मैन नहीं होता और ग्राहकों सेजो पैसा लिया जाता है, उसका 70 फीसद सेज्यादा किसानों के पास जाता है। पूरे विश्व में इतना ज्यादा रेशियो किसी और देश में नहीं है। विश्वके अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य न सिर्फ ग्रामीम अर्थ व्यवस्था को गति देता है, बल्कि यह दुनियाभर में करोडों लोगों की आजीविका साधन भी है।
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भारत ने तैयार की लंपी की स्वदेशी वैक्सीनः नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले कुछ समय से भारत के कुछ राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हो रही है, विभिन्न राज्यों की सरकारें इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश में जुटी हैं। अब हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी स्किन डिजीज की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है। अब हम वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि हम 2025 तक शत प्रतिशत पशुओं को लंपी बीमारी से मुक्ति दिलाएंगे।
देशी संग हाइब्रिड नस्ल पर भी भारत का ध्यानः मोदी ने कहा खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यक है। यह पशुपालन पर भी लागू होता है। इसीलिए आज भारत में देशी और हाइब्रिड, दोनों नस्लों परध्यान दिया जा रहा है। इसके पूर्व साढ़े दस बजे यहां पहुंचे नरेंद्र मोदी ने समिट का द्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ल्ड डेयरी समिट में करीब 50 देशों के 1500 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। एक्स-पो मार्ट में करीब 11 हाल हैं, जिनके नाम गायों की विभिन्न प्रजातियों के नाम पर रखे गए हैं। इस आयोजन में सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।