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बैंक की याचिका खारिज, बुजुर्ग को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली (The live ink desk). बैंक के लाकर से रुपये चोरी होने के एक प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को दो महीने के अंदर 30 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल, एक बुजुर्ग ने अपने पैसे बैंक के लाकर में रखे थे, जो लाकर सेचोरी हो गए थे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस ओका की बेंच ने कहा,  खाताधारक ने बैंक पर विश्वास जताया, इसलिए इनकी उम्रभर की कमाई चली गई। इससे बुजुर्ग को आर्थिक नुकसान होने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी परेशान होना पड़ा।

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जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग खाताधारक गोपाल प्रसाद मोहंती ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बोकारो स्टील सिटी ब्रांच के लाकर में रुपये रखे थे। 25 दिसंबर 2017 को बैंक में चोरी हो गई। इसके बाद नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बोकारे स्टील सिटी ब्रांच को 30 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद बैंक ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। उक्त प्रकरण की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से कहा कि पीड़ित गोपाल प्रसाद महंती को मानसिक कष्ट से गुजरना पड़ा है इसलिए मुआवजा जरूरी है।

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बेंच ने कहा, ‘हम एनसीडीआरसी के आदेश में किसी तरह का दखल नहीं देना चाहते। इस मामले में बैंक की याचिका खारिज की जाती है। बैंक की तरफ से एडवोकेट संजय कपूर ने कहा, इस आदेश से बैंक के सामने मुसीबत यह है कि उसे पता नहीं है कि लॉकर में क्या-क्या था। महंती ने कोर्ट से कहा, मैंने अपने जीवनभर की जमा पूंजी खो दी। चोरी के बाद पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। उक्त प्रकरण में एनसीडीआरसी ने कहा था कि लोग बैंक में इसीलिए अपना कीमती सामान रखते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास रहता है कि वहां पर उनका सामान सुरक्षित रहेगा।

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