Bhadohi: संयुक्त चिकित्सालय में पंखा न स्टूल, डस्टबिन भी नहीं मिली
औचक निरीक्षण को पहुंचे जिलाधिकारी ने जांच के लिए बनाई तीन सदस्यीय कमेटी
बोर्ड पर 243 दवाओं के नाम अंकित लेकिन कक्ष के अंदर नहीं मिली दवाओं की सूची
भदोही (संजय सिंह). 100 बेड के संयुक्त चिकित्सालय का जिलाधिकारी गौरांग राठी ने मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। सीएमओ डा. संतोष कुमार चक के साथ औचक निरीक्षण पर पहुंचे जिलाधिकारी गौरांग राठी को संयुक्त अस्पताल, अस्पताल जैसा नहीं दिखा। व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त मिलीं। दवाओं की सूची गायब थी। यहां तक कि डिस्पोजल डस्टबिन भी नहीं मिली। अस्पतालकी यह हालत देख जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई और मामले की जांच का आदेश देते हुए अविलंब व्यवस्था में सुधार केलिए निर्देशित किया।
निरीक्षण में औषधि कक्ष के बाहर लगी सूची में 243 दवाओं के नाम अंकित मिले, लेकिन कक्ष में उपलब्घ दवाओं की सूची नहीं पाई गई। भर्ती कक्ष में न तो पंखा मिला और न ही स्टूल। चिकित्सकीय उपकरण भी नहीं दिखे। दरवाजा भी टूटा मिला। यह स्थिति तब है, जब अस्पताल अभी निर्माणाधीन है।
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192 चिकित्सकीय उपकरण मिले निष्क्रियः ओपीडी के निरीक्षण में नेत्र विशेषज्ञ डॉ0 स्वर्णिमा द्वारा 26 मरीज व एमडी पैथलॉजी डॉ0 अखिलेश द्वारा 20 मरीज देखे जा चुके थे। निरीक्षण के क्रम में चिकित्सालय को प्राप्त 192 चिकित्सकीय उपकरण अनस्टॉल पाए गए, जिनको क्रियाशील होना चाहिए था। उपकरणों के क्रियाशील न होने के संबंध में जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और जांच के लिए सीएमओ, महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय अधीक्षक डॉ0 राजेन्द्र सिंह और 100 बेड के संयुक्त अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसके पाल की टीम गठित कर दस दिन में रिपोर्ट तलब की है।
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साफ-सफाई को लेकर दी विशेष हिदायतः इसके अतिरिक्त अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था व अन्य सहायक उपकरणों की उपलब्घता पर बल दिया गया। उन्होंने डॉक्टरों, पैरामेडिकल आदि कर्मियों को निर्धारित समयावधि तक सेवा समपर्ण व मानवता के दृष्टिगत भाव से ड्यूटी करना चाहिए। मरीजों की आशाओं व आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु शत्-प्रतिशत सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। ईश्वर के बाद धरती पर डॉक्टर का ईश्वर का ही रूप माना गया है। इसलिए नैतिक चिकित्सकीय भाव से मरीजों की सेवा करनी चाहिए। निरीक्षण में पाई गई कमी को अविलंब दूर करने की हिदायत दी है।
अखिलेश के जमाने से बन रहा अस्पतालः बताते चलें कि सरपतहा मुख्यालय में इस संयुक्त अस्पताल का निर्माण कार्य अखिलेश यादव के जमाने में शुरू हुआ था, लेकिन पूरा नहीं हो सका। इसके बाद मायावती की सरकार आई और चली गई। 100 बेड वाला यह अस्पताल वहीं का वहीं रह गया। अब योगी आदित्यनाथ का भी एक कार्यकाल पूर्ण हो चुका है और दूसरा चल रहा है। ऐसे में जनपदवासियों को अब यह उम्मीद है कि शीघ्र ही इस अस्पताल के दिन बहुरेंगे और इसका निर्माण कार्य पूरा होगा।